हिजाब पर पाबंदी कायम:कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा- हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं; स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते स्टूडेंट

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। हाईकोर्ट की तीन मेंबर वाली बेंच ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले की तीन बड़ी बातें..
- स्टूडेंट स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते।
- स्कूल या कॉलेज को अपनी यूनिफॉर्म तय करने का अधिकार है।
- हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद से जुड़ी सभी 8 याचिकाएं खारिज कीं।
चीफ जस्टिस के घर सुरक्षा बढ़ाई गई
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से पहले चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। राजधानी बेंगलुरु समेत कर्नाटक के पांच जिलों में धारा 144 लागू करके सभी प्रकार के जुलूस और लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई थी। इधर, पूरे दक्षिण कर्नाटक में धारा 144 लगाकर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे।
पिछली सुनवाई के दौरान क्या हुआ था
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित और जस्टिस खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की बेंच ने 11 दिनों तक लगातार इस मामले की सुनवाई की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि इस्लाम में लड़कियों को सिर ढक कर रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगाने वाला ड्रेस कोड पूरी तरह गलत है। सरकार की ओर से राज्य के एडवोकेट जनरल (AG) प्रभुलिंग नवदगी ने बेंच के सामने यह दलील रखी थी कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।
कोर्ट ने मंगवाई थी कुरान की प्रति
कर्नाटक हाईकोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दी गई दलील की पुष्टि के लिए उनसे पवित्र कुरान की एक प्रति मांगी थी। जस्टिस दीक्षित ने इस दौरान पूछा था- क्या यह कुरान की प्रमाणिक प्रति है। इसके प्रमाणिक होने पर तो कोई विवाद नहीं। इस पर एडवोकेट जनरल ने कहा था कि कुरान के कई अनुवाद हैं।