जबलपुरमध्य प्रदेश

हाई कोर्ट की कार्य प्रणाली और सरलीकृत होने की संभावना बढ़ी

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक के कार्यकाल में ऐसे कई निर्णय लिए गए जिनके कारण कार्य संस्कृति सरलीकृत हुई है। कोविड काल में ऐसे निर्णय लिए गए जिनसे वकीलों व पक्षकारों की असुविधा कम हुई। फाइलिंग व हियरिंग को लेकर पुराने कठिन नियम समाप्त कर दिए गए। उनके स्थान पर सरल नियम लागू किए गए। इसी तरह अब उम्मीद जाग गई है कि महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों की मांग को पूरा करते हुए आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी जाएगी। इसे लेकर वकीलों की ओर से मुख्य न्यायाधीश को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। लिहाजा, आशा बलबली हो गई है कि शीघ्र ही निर्णय ले लिया जाएगा।

 

हाई कोर्ट बार सचिव ने कार्यकारिणी सदस्य का प्रस्ताव मुख्य न्यायाधीश को भेजा : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य अधिवक्ता यश सोनी का एक प्रस्ताव हाई कोर्ट सचिव मनीष तिवारी ने पारित कर मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को भेज दिया है। इस प्रस्ताव के जरिये हाई कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा एडजस्टमेंट एप्लीकेशन को स्वीकार करते हुए वकीलों के आवेदन व निवेदन पर केस की लिस्टिंग किए जाने पर बल दिया गया है। इससे यह लाभ होगा कि तत्‍काल सुने जाने वाले मामले आसानी से लिस्ट करवाए जा सकेंगे। वर्तमान में मामलों की सुनवाई आगे बढ़ने से न केवल वकीलों व पक्षकारों का बल्कि कोर्ट का भी कीमती समय खराब होता है। यह व्यवस्था हाई कोर्ट की इंदौर व ग्वालियर बेंच में पहले से लागू है। लिहाजा, मुख्यपीठ में भी लागू किए जाने पर बल दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button