जबलपुरमध्य प्रदेश

हाईवे में रॉन्ग साइड में खड़े हो रहें सैकड़ो ओवरलोड वाहनों पर नहीं हो रही कार्यवाही : पटरी से उतरी यातायात व्यवस्था

अनूपपुर। अनूपपुर जिले में इन दोनों राखड़ के ओवरलोड वाहनों ने यातायात व्यवस्थाओं को चौपट कर रखा है। पुलिस विभाग के थाना और यातायात विभाग की मनमानी के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओवरलोड वाहन नेशनल हाईवे में सैकड़ो की तादाद में निगरानी रोड चौराहे पर खड़े रहते हैं। पहले तो गाड़ियां ओवरलोड रहती हैं उसके साथ-साथ रॉन्ग साइड में गाड़ियों को खड़ा कर हाईवे के एक तरफ का रास्ता जाम कर दिया जाता है जिससे टू लाइन हाईवे सिंगल लाइन हाईवे में तब्दील हो जाता है और दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है तीन दिन पहले ही सिंगल हाईवे रोड हो जाने के कारण एक दुर्घटना गाड़ी थी जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे।

 

सूचना के बाद भी यातायात नही कर रही कार्यवाही

कोतमा नगर के समाजसेवी द्वारा यातायात विभाग के थाना प्रभारी को सूचना देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। नेशनल हाईवे में सैकड़ो मीटर तक सैकड़ो हाईवा रॉन्ग साइड में खड़े होकर दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं। 2 दिन पूर्व यातायात विभाग के कुछ कांस्टेबलों द्वारा शिकायत मिलने पर गाड़ियों को हटाने की कार्यवाही की गई थी लेकिन कागजी तौर पर ना तो कोई चलने कार्रवाई की गई और ना ही उक्त वाहनों पर कोई कानूनी कार्यवाही कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कार्य नही किया गया। वही कांस्टेबल ने ओवरलोड पर अधिकारी न होने पर कार्यवाही न करने की बात कही।

 

मंत्री का काफिला, समस्या पर नही पड़ी नजर

प्रतिदिन मंत्री का काफिला हाईवे से होकर गुजरता है लेकिन मंत्री के काफिले की नजर हाईवे में खड़े हो रहे वाहनों से होने वाले समस्या पर नहीं पड़ती है। राखड़ के हाईवा वाहनों से अब तक आधा दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं घट चुकी हैं लेकिन शासन प्रशासन को जनता के जान माल की कोई चिंता नहीं है। मोजर बेयर से निकलने वाले अपशिष्ट को ठिकाने लगाने के लिए प्रशासन और मोजर बेयर एक साथ होकर भेंड़ चाल चल रहा है। किसी प्रकार की कार्यवाही न होने से चालकों के हौसले बुलंद हो गए हैं।

 

मंत्री का आदेश बना झुनझुना

मंत्री दिलीप जायसवाल द्वारा दारसागर और निमहा मार्ग में हुई दुर्घटना के बाद परिजनों को मनाने पहुंचे हुए थे जहां सैकड़ो जनता और मासूम के शव के समक्ष कोतमा राजस्व और अनुभव कोतमा को ओवरलोड और ओवर हाइट वाहनों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, इसके साथ ही बिना खलासी के चल रहे वाहनों पर खलासी का होना यह सुनिश्चित करने के लिए वाहन मालिक और कॉलरी प्रशासन के साथ पुलिस को भी निर्देश दिया था। लेकिन मंत्री का निर्देश और आदेश प्रशासन के सामने फीका पड़ गया है। लंबे समय से जिला प्रशासन से मैनेजमेंट का चल रहे ट्रैकों पर अब जिला प्रशासन, राजस्व ,आरटीओ और पुलिस मेहरबान है। मंत्री के निर्देश के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं की गई है अब देखना यह है कि मंत्री के आदेश की अवहेलना कहनईमंत्री के हल्के पन का कारण न बन जाए।।

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