हाईकोर्ट ने मिशन की संपत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी पूर्व बिशप डॉ पीसी िसंह की जमानत अर्जी निरस्त की

.जबलपुर। हाईकोर्ट ने ने मिशन की संपत्ति का फर्जीवाड़ा करने के आरोपी पूर्व बिशप डॉ पीसी िसंह की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने कहा िक आवेदक पर जो आरोप है वो गंभीर हैं। आवेदक का पुत्र अपने पिता की पोजीशन का फायदा उठाते हुए गवाहों को धमका रहा है और साक्ष्य प्रभावित कर रहा है। ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। गौरतलब है िक कोर्ट ने बिशप की जामनत पर सुनवाई के बाद 14 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जो मंगलवार को आया। गौरतलब है िक ईओडब्लयू जबलपुर की टीम ने 8 सितंबर को बिशप के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी। इस दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। उस दौरान बिशप देश के बाहर थे। ईओडब्ल्यू ने बिशप को नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।ईओडब्लयू ने पूछताछ के लिए बिशप को 4 दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान उन्होंने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी। इसके अलावा उन्होंने मिशन कम्पाउण्ड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी।याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत िसंह और आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेयस धर्माधिकारी ने जमानत आवेदन को विरोध करते हुए एकलपीठ को बताया कि बिशप रहते हुए जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली। उनके खिलाफ देश भर के अलग-अलग राज्यों में 60 मामले दर्ज हैं.