स्वामित्व योजना कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री : पट्टे की मांग को लेकर सीएम की गाड़ी के सामने लेटा परिवार,पुलिस ने हटाया,कलेक्टर ने कहा – अपात्र थे इसलिए रिजेक्ट किया आवेदन

सिवनी यश भारत:-जिला मुख्यालय के पॉलिटेक्निक ग्राउंड में आज स्वामित्व योजना का राज्यस्तरीय कार्यक्रम हुआ। जिसने शामिल होने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव पहुंचे। जहां उन्होंने कहा हर खेत को पानी और हर हाथ मिले काम इस दिशा में सरकार काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के लोगों को स्वामित्व का अधिकार दिया है। यह स्वामित्व का अधिकार सिर्फ भू-अधिकार का स्वामित्व ही नहीं बल्कि उनके स्वाभिमान का अधिकार है।
जिसके माध्यम से घर का मूल्यांकन सही ढंग से किया जा सकता है। सीएम ने स्वामित्व योजना के तहत 15.63 लाख हितग्राहियों को भू-अधिकार पत्रों का वितरण तथा लगभग 190 करोड की लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।

धनौरा में शासकीय महाविद्यालय बनाने की घोषणा की। संजय सरोवर भीमगढ बांध में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने, पेंच सिवनी माईक्रो एरिकेशन परियोजना के माध्यम से हर संभव ग्राम को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया सहित कई घोषणाएं की। कार्यक्रम स्थल में 104.066 करोड़ रूपये लागत के 42 विकास कार्यों के भूमिपूजन तथा 85.55 करोड़ रूपये लागत के 30 विकास कार्यों के लोकार्पण कर जिले को विकास की सौगातें दी। मुख्यमंत्री जब हेलीपेड से कार्यक्रम स्थल पॉलिटेक्निक मैदान जा रहे थे तब मानेगांव तिराहे के पास बबरिया रोड में गाड़ी में बैठकर क्षेत्रवासियों व भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर कर रहे थे।
तब मुख्यमंत्री के खड़े वाहन के सामने भूमि के पट्टे की मांग को लेकर डेहरिया परिवार के प्रीतम डेहरिया अपनी पत्नी कीर्ति पुत्र विकास डेहरिया निवासी कुरई सड़क पर लेट गए। जिनको सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस बल व महिला पुलिस अधिकारी ने सड़क से हटाकर मुख्यमंत्री के वाहन और काफिले को पालीटेक्निक कालेज मैदान के सभा स्थल रवाना किया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार पूर्व में आवेदक को भूमि का पट्टा आवंटित किया गया था, जिसे प्रीतम डेहरिया ने बेच दिया। इसके बाद पुन: भूमि का पट्टा आवंटित करने डेहरिया ने आवेदन किया था, जो अवैधानिक होने के कारण सुनवाई के बाद निरस्त किया गया था।
इस मामले ने कलेक्टर संस्कृति जैन ने बताया कि कुरई निवासी प्रीतम पुत्र तोखन डेहरिया को पूर्व में पट्टे से प्राप्त भूमि खसरा नंबर 149 रकबा 1.70 हेक्टेयर को खेल परिसर मैदान व भवन निर्माण हेतु आवंटित की गई थी। इसके बदले कुरई की भूमि खसरा नंबर 128 रकबा 0.56 हेक्टेयर प्रदाय की गई। शेष रकबा 1.40 हेक्टेयर भूमि देने डेहरिया ने आवेदन किया था। राजस्व प्रकरण में दर्ज कर प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण, सुनवाई में पाया गया कि “नजूल निर्वतन निर्देश 2020 के अध्याय 7 की कंडिका 129 के अनुसार भूमि केवल उन्ही व्यक्तियों को आबंटित की जा सकेगी जो भूमिहीन हो परंतु किसी ऐसे व्यक्ति को पात्रता नहीं होगी, जिसने सरकार से आवंटित भूमि किसी अन्य को अंतरित कर दी होगी”। तोखन को दी गई भूमि में खेल परिसर निर्माण होने से बदले में कुरई गांव में भूमि 0.56 हेक्टेयर दान पत्र के माध्यम से विजय कुमार पुत्र रामरूप से तोखन ने प्राप्त की थी। उस भूमि का विक्रय भी कर दिया गया।
साथ ही आवेदक द्वारा भूमि के बदले भूमि व सरकारी नौकरी देने के संबंध में किसी भी प्रकार के लिखित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। डेहरिया के पिता को शासन द्वारा दी गई भूमि का विक्रय करने तथा नजूल निर्वतन निर्देशन 2020 कंडिका 129 का उल्लंघन पर आवेदक भूमि प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखता है। अतः आवेदक अपात्र होने के कारण प्रकरण निरस्त किया जा चुका है।लेकिन पट्टे की मांग को लेकर ये लोग सीएम की गाड़ी के सामने अचानक लेट गए थे। जिन्हें हटाकर समझाया गया।