स्मार्ट सिटी : योजना अपार, 30 करोड़ का बंटाढ़ार
थोड़ी सी बारिश में ही खुल गयी कलई, गोलबाजार फेस 2 में सड़कें कीचड़ में खो गईं, जगह-जगह भरे गढ्ढ़े, राहगीरों का चलना हुआ दुश्वार

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर स्मार्ट सिटी का सपना संजो रहे रहवासियों को धूल भरी, कीचड़ में सनी हुई सड़कें और खुली हुईं सीवर लाइनों की सौगात मिली है। गोलबाजार फेस 2 में प्रोजेक्ट की लागत 30 करोड़ है, लेकिन यहां स्थिति यह है कि यहां थोड़ी सी बारिश में ही सड़कें तालाबों में तब्दील हो चुकी हैं। जिससे यहां लोगों का आना-जाना भी दुश्वार है। जब इस विषय पर स्मार्ट सिटी प्रबंधन से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रोजेक्ट की अवधि दो वर्ष की है। अभी निर्माण चल रहा है।
जबलपुर रहवासी जहां मेट्रो सिटी जैसे विकसित शहर का सपना देख रहे है तो वहीं स्मार्ट सिटी कार्यप्रबंधन अपनी कछुआ गति के चलते मलाइदार प्रोजेक्ट में भी खटाई डालने का कार्य कर रहा है। यहां गोलबाजार फेस 2 में बेमौसम बारिस ने स्मार्ट सिटी की पूरी कलई खोल कर रख दी है। थोड़ी सी बारिश में ही नाले उफान पर है तो वहीं सड़कें तालाबों सरीखी प्रतीत हो रहीं है। इतना ही नहीं स्थिति यह है कि सड़क पर लोगों का चलना भी दुश्वार है।

सपना ना रह जाए सपना
शहर में विकास की गति दशकों बीत जाने के बाद भी जस की तस है। आज भी घोषणाओं और कागजी कार्रवाई के घोड़े जबलपुर शहर में पूरी रफ्तार से दौड़ते तो है, लेकिन जब मैदानी स्तर में योजनाओं को उकेरा जाता है तो स्थिति डांक के तीन पांत ही रहती है। स्मार्ट सिटी में सुविधाओं का सपना आज हर शहरवासी का है। लेकिन कार्यप्रबंधन की गति को देखते हुए लगता है कि कहीं यह सपना भी सपना ही ना रह जाए। स्मार्ट सिटी सीईओ निधि सिंह राजपूत से जब शहर विकास को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने बताया कि गोलबाजार स्मार्ट सिटी फेस-2 बीते दो महिने पहले ही शुरु हुआ है। जिसकी कार्य अवधि दो वर्ष की है। प्रोजेक्ट में लगातार कार्य किया जा रहा है। अभी जो भी समस्याएं है, उनको दिखवाते है।