स्टार अस्पताल के आगे पुलिस घुटने टेक: इंसाफ के लिए भटक रही खाकी, लापरवाही में गई महिला पुलिस अधिकारी की बेटी की जान, लार्डगंंज टीआई ने दर्ज नहीं की एफआईआर
दर-दर भटक रही है महिला अधिकारी, इकलौती बेटी के जाने से बदहवास हुई

जबलपुर, यशभारत। आम जनता के लिए पुलिस ही सबकुछ होती है, लेकिन पुलिस महकमा में तैनात एक महिला अधिकारी अपने ही महकमे से परेशान है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर की लापवाही के कारण महिला पुलिस अधिकारी ने अपनी इकलौती बेटी को खो दिया। इंसाफ के लिए महिला अधिकारी दर-दर भटक रही है परंतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। पूरा मामला स्टार अस्पताल में एसएफएल पुलिस महिला अधिकारी की 13 साल की बेटी मौत से जुड़ा है। हद तो तब हो गई जब पुलिस कप्तान के कहने के बाबजूद लार्डंगंज थाना प्रभारी ने मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
जबलपुर कंट्रोल रुम में एफएसएल विभाग प्रभारी सुनीता तिवारी ने बताया कि सात माह पहले उनकी 13 वर्षीय बेटी खुशी को भूख ना लगने के कारण, स्टार हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बेटी की हालत ठीक थी। लेकिन इलाज के दौरान ही अचानक उसकी सांसे बढऩे लगी। जिसके बाद बेटी को आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां कोई डॉक्टर नहीं होने से उनकी आंखों के सामने ही बेटी ने दम तोड़ दिया।
सांसे थम जाने के बाद आया डॉक्टर
पीडि़ता एफएसएल प्रभारी ने बताया कि उनकी बेटी खुशी की तबियत खराब होने के बाद उन्होंने अस्पताल में उपस्थित स्टॉफ से गुहार लगाई कि डॉक्टर को तत्काल बुलाया जाए, लेकिन कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं हुआ और बेटी की मौत के बाद डॉक्टर राजीव जैन अस्पताल पहुंचे।
पुलिस अधीक्षक का आदेश
एफएसएल प्रभारी श्रीमती सुनीता तिवारी ने बताया कि मामले की एफआईआर करवाने के लिए जब उन्होंने पुलिस अधीक्षक सिद्धाथज़् बहुगुणा को आवेदन दिया तो मामले की जांचोपरांत उन्होंने स्टार अस्पताल के विरुद्ध एफआईआर दजज़् करने के आदेश दिए। लेकिन करीब दस दिन बीत जाने के बाद भी मामले की एफआईआर नहीं हो सकी। इतना ही नहीं इसके पहले एएसपी संजय अग्रवाल की जांच के बाद भी एफआईआर दर्ज होने के आदेश को भी किनारे लगा दिया गया।
इनका कहना है
11 साल से बच्चा इलाज करा रहा था बचपन से हार्ट फेफड़ा कमजोर था उसी का इलाज चल रहा था। मां-बाप ने साइन करके दिया कि बच्चा सीरियस है उसी आधार पर इलाज चल रहा था।
डॉ. राजीव जैन, स्टार अस्पताल