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सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज, BAP विधायक के भाई से नोटों का बैग लेकर स्कूटी पर भागा पीए,

एमएलए पटेल पार्किंग में थे उपस्थित

उज्जैन: बांसवाड़ा के बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के एमएलए जयकृष्ण पटेल के घूसकांड में एक नया मोड़ आया है. एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि एमएलए पटेल ने 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद रुपयों से भरा थैला अपने चचेरे भाई विक्की को सौंपा था. तत्पश्चात विक्की ने वह थैला पार्किंग में मौजूद एमएलए के निजी सचिव (पीए) रोहित को थमा दिया. सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में रोहित नोटों से भरा बैग लेकर स्कूटर पर भागता हुआ दिखाई दे रहा है. हैरत की बात यह है कि इस दौरान स्वयं एमएलए जयकृष्ण पटेल भी पार्किंग क्षेत्र में मौजूद थे.

एसीबी के डायरेक्टर जनरल (डीजी) डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने जानकारी दी कि इस प्रकरण में एमएलए जयकृष्ण पटेल, उनके चचेरे भाई विक्की, और पीए रोहित के संबंधी जसवंत और जगराम को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. हालांकि, मुख्य अभियुक्त और नकदी लेकर फरार पीए रोहित अभी भी एसीबी की पकड़ से बाहर है, और उसकी खोज जारी है.

गौरतलब है कि 4 मई को एसीबी ने एमएलए जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इसके बाद उनके चचेरे भाई विक्की को भी पकड़ा गया. एसीबी ने जगतपुरा स्थित इंदिरा गांधी नगर के एक मकान से जमीन में दबा हुआ रुपयों से भरा बैग भी बरामद किया था, जिसके बाद जसवंत और जगराम को भी गिरफ्तार किया गया. बरामद हुई रकम 20 लाख रुपये से कुछ कम निकली, जिसकी तहकीकात अभी जारी है. जांच में यह भी पता चला कि पीए रोहित स्कूटर पर रुपयों का बैग लेकर अपने रिश्तेदार जसवंत के पास गया था, जिसने उस बैग को जगराम को देकर छिपाने के लिए कहा था.

एसीबी अब भगोड़े पीए रोहित की तलाश में தீவிரता से जुटी है, जिससे पूछताछ में इस पूरे मामले से जुड़े और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है.

प्रश्न वापस लेने के एवज में मांगी थी रिश्वत:

अब तक की छानबीन में यह पता चला है कि एमएलए जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में खनन से संबंधित तीन प्रश्न लगाए थे. टोडाभीम (करौली) की खदानों से जुड़े प्रश्न लगाने के बाद एमएलए ने खदान मालिक रविंद्र से 10 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी. बाद में यह सौदा 2.50 करोड़ रुपये में तय हुआ और यह राशि किश्तों में दी जानी थी. एमएलए ने पहली किश्त के तौर पर 4 मई को 20 लाख रुपये लिए थे, जिसके बाद एसीबी ने उन्हें धर दबोचा था.

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