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सीने के आर-पार हुए 40 फीट के सरिए : 5 घंटे चले ऑपरेशन के बाद बची जान

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मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। शायद इसीलिए डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है। PGIMS रोहतक के डॉक्टर्स ने इसे सार्थक कर दिखाया है। डॉक्टर्स ने शनिवार को एक बेहद मुश्किल सर्जरी करके युवक की जान बचाई। करीब 5 घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन के बाद युवक के शरीर से सरिए के दो टुकड़े निकाले गए। अब युवक खतरे से बाहर है। उसके परिजनों ने डॉक्टरों की टीम का आभार जताया है।

गन्नौर में हुआ था हादसा
गन्नौर के पास जुगाड़ की बाइक पर सरिया लादकर ले जा रहे एक ड्राइवर ने बाइक सवार 18 साल के कर्ण को टक्कर मार दी थी। हादसा इतना भयानक था कि दो सरिए कर्ण के सीने के आर-पार हो गए थे। हादसे की जानकारी मिलते ही उसके परिजन जब मौके पर पहुंचे तो देखा की कर्ण के सीने में जो सरिए घुसे हुए थे, उनकी लंबाई करीब 40 फीट थी। परिजनों ने उसे आनन-फानन में खानुपर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया।

PGI में की गई सर्जरी PGI के डॉक्टर्स ने रात को ही कटर मशीन से सरिए को काटने और उसकी जान बचाने की कोशिश शुरू कर दी। रात भर उसे डॉक्टर की निगरानी में रखा गया, जिसके बाद उसके पेट में घुसे हुए 2 सरिए बाहर निकाले गए। पेट से सरिया निकालने के बाद उसे स्पेशल वार्ड में भर्ती किया गया, जहां पर उसका इलाज चल रहा है और वह अब खतरे से बाहर है।

ज्यादातर लोगों की मौके पर हो जाती है मौत
सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एसएस लोहचब के नेतृत्व में डॉ. संदीप सिंह, डॉ. फर्कलीना, प्रो. नवीन महलोत्रा, डॉ. इंद्रा मलिक ने इस सर्जरी को किया। डॉक्टर्स ने कहा कि यह उनके लिए बहुत बड़ा चैलेंज था। ऐसे केस उन्होंने बहुत ही कम देखे हैं, क्योंकि इस तरह के केस में अधिकांश घायलों की मौके पर ही मौत हो जाती है। कुछ लोग अस्पतालों तक भी नहीं पहुंच पाते हैं। सरिए इस तरह शरीर में घुसे हुए थे कि हवा तक भी आने-जाने का रास्ता नहीं था। सरियों को चार हिस्सों में शरीर से बाहर निकाला गया।

 

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