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सीएम शिवराज से चर्चा के बाद शासकीय चिकित्‍सकों की प्रदेशव्‍यापी हड़ताल स्‍थगित

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भोपाल । मप्र चिकित्सक महासंघ के बैनर तले स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के डाक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल स्‍थगित हो गई। चिकित्‍सा महासंघ के पदाधिकारियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के बाद सुबह करीब साढ़े ग्‍यारह बजे हड़ताल स्‍थगित करने का ऐलान किया। इससे पहले चिकित्‍सा महासंघ के पदाधिकारियों की चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग के साथ भी आज सुबह बैठक हुई। इस बैठक में चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री ने महासंघ की मांगों को लेकर हाईपावर कमेटी बनाने पर सहमति जताई। साथ ही यह भी कहा कि ये कमेटी समय सीमा में विचार कर रिपोर्ट देगी।

मालूम हो कि बीते दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के डॉक्टरों ने आज शुक्रवार से पूरी तरह से काम बंद कर दिया था। डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान होते नजर आए, कई ऑपरेशन टल गए। इसका असर जिले की समस्त शासकीय अस्पतलों में भी नजर आया। पदोन्नति समेत कई मांगों को लेकर सरकारी डाक्टर उग्र आंदोलन कर रहे हैं। चेतावनी के अनुसार शुक्रवार से जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने काम बंद कर दिया।

मालूम हो कि गुरुवार को काली पट्टी बांधकर दो घंटे कार्य से विरत रहकर डाक्टरों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी। सरकारी अस्पतालों में दो घंटे तक मरीज जिले भर के सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार को डाक्टर मरीजों की नब्ज नहीं टटोलेंगे। गुरुवार को दो घंटे के लिए काम बंद होने के कारण तमाम मरीज मलहम पट्टी के लिए तरसते रहे। एमपी जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा हृदयेश दीक्षित ने कहा कि जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश आपके साथ है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में जूनियर डाक्टर तथा अन्य सरकारी अस्पतालों में इंटर्न डाक्टरों के भरोसे व्यवस्था रही। शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मध्य प्रदेश के तत्वावधान में मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन व मेडिकल टीचर एसोसिएशन के बैनर तले डाक्टरों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रही। आकस्मिक चिकित्सा केंद्रों में भी अव्यवस्था रही। मेडिकल कालेज, विक्टोरिया अस्पताल, एल्गिन अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यही हालात रहे। दो घंटे चले प्रदर्शन के बाद डाक्टरों ने मरीजों की नब्ज टटोली। इस बीच तमाम गंभीर मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ा। चिकित्सा बचाओ चिकित्सक बचाओ आंदोलन के संबंध में डा. परवेज सिद्दीकी, डा. शामिक रजा, डा. एचएस मरकाम, डा. नीलम टोप्पो, डा. अवधेश सिंह, डा. मयंक चंसोरिया, डा. कुलदीप सिंह, डा. अनुराग साहनी, डा. लक्ष्मी सिंगोतिया, डा. मनीष मिश्रा, डा. पंकज ग्रोवर, डा. अमिता जैन ने बताया कि प्रदेश भर के सरकारी डाक्टर समय पर पदोन्नति के लाभ से वंचित हैं।

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