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सिवनी मेडिकल कालेज को मिली 50 सीटो की मंजूरी :  14 अगस्त से होगी काउंसलिंग,सेकेंड फेज की चल रही प्रक्रिया

सिवनी यश भारत-सिवनी मेडिकल कालेज की नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने मान्यता जारी कर दी है। कालेज में बैचलर आफ मेडिसिन एंड बैचलर आफ सर्जरी (एमबीबीएस) की 50 सीटों को मंजूरी दी गई है। कालेज प्रबंधन ने पहले एमबीबीएस की 150 सीटों पर अनुमति मांगी थी। बाद में फैकल्टी की कमी को देखते हुए 100 सीटों के लिए पुनः एनएमसी में मान्यता का आवेदन भेजा गया था। जिसके बाद एनएमसी ने सिवनी मेडीकल कालेज को एमवीवीएस की 50 सीटों के साथ मान्यता जारी कर दी है। साथ ही मान्यता से जुड़ी कार्रवाई को पूरा करने आवश्यक दस्तावेज बुलाए हैं।

 

14 अगस्त से होगी काउंसलिंग:-

जानकारी के अनुसार 14 अगस्त से नीट यूजी 2024 में सफल छात्रों की काउंसिलिंग प्रारंभ हो रही हैं। जिसमें प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए सिवनी मेडीकल कालेज का विकल्प खुल जाएगा। वहीं सिवनी मेडिकल कालेज में फैकल्टी बढ़ाने की कवायद अब भी जारी है।उम्मीद जताई जा रही है कि काउंसिलिंग पूरी होने तक सिवनी मेडीकल में फैकल्टी की संख्या बढ़ जाएगी। सिवनी मेडीकल कालेज में फैकल्टी यड़ने से गंभीर रोगियों के इलाज में अस्पताल प्रबंधन को मदद मिलेगी। सिवनी मेडिकल कालेज में द्वितीय चरण का कार्य होना अभी बाकी है। ऐसे में प्रेक्टिकल व आपरेशन इत्यादि जिला अस्पताल में कराए जाएंगे।

 

गभीर रोगों का होगा इलाज:-

सिवनी मेडीकल कालेज में फैकल्टी के रूप में विशेषज्ञ डाक्टर होने से जिला अस्पताल में आए दिन गंभीर मामले नागपुर-जबलपुर रैफर होने के मामलों में कमी आएगी। गंभीर मामलों में मेडीकल में मौजूद डाक्टरों की सेवाएं मिलने से जिलेवासियों का बेहतर इलाज हो सकेगा। साथ ही महानगरों पर निर्भरता में कमी आएगी।एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों की प्रथम वर्ष में तीन विषय एनाटामी, फिजियोलाजी व बागीकैमिस्ट्री पढ़ाया जाएगा।

 

काउंसिलिंग पूरी होने तक बढ़ जाएगी फैकल्टी:-

सिवनी चिकित्सा महाविद्यालय में फिलहाल फैकल्टी की संख्या 35 से बढ़कर 40 हो गई है। कालेज प्रबंधन के अनुसार काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी होने तक फैकल्टी की संख्या बढ़ाकर 60 से 70 करने का प्रयास किया जा रहा है। फैकल्टी के लिए मप्र सरकार द्वारा भर्ती की जा रही है। यह भी संभावना है कि फैकल्टी बढ़ने पर बाद में सिवनी मेडीकल कालेज में सीटों की संख्णा एनएमसी बढ़ा सकता है। सरकार ने मेडीकल कालेज संचालन के लिए बजट आवंटित किया है। मेडीकल कालेज की मान्यता में फैकल्टी की कमी सबसे बड़ा अडंगा साबित हो रही थी।

 

एनएमसी टीम ने किया था निरीक्षण:-

बीते माह 24 जून को सिवनी कालेज भवन का दिल्ली से आई एनएमसी टीम ने निरीक्षण किया था। फैकल्टी की कमी को देखते हुए कालेज प्रबंधन ने सीट घटाते हुए। दोबारा नये सिरे से प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेजा था।

 

सेकंड फेज की चल रही प्रक्रियाः- सिवनी मेडिकल कालेज के फेज-1 में 328 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यहां मेडिकल कालेज भवन सहित अन्य निर्माण कार्य कराए गए हैं। इसमें 8-8 मंजिला गर्ल्स व ब्वायज हास्टल, 8 मंजिला गूजी हास्टल, होन बंगला, लेक्चरर रूम, लाइब्रेरी, खेल परिसर व व्यवसायिक सेंटर शामिल हैं मेडिकल परिसर में बैंक, पोस्ट आफिस, जनरल स्टोर, एटीएम आदि की सुविधा उपलब्ध कराने आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। फेज-2 का निर्माण केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि से होगा, इसके बाद मेडीकल कालेज में मरीजों की चिकित्सा सुविधाएं मिलना प्रारंभ हो सकेगी। 700 करोड़ से मेडिकल कालेज में 500 बिस्तर के नवीन अस्पताल भवन, उपकरण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे। इसकी स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।

मेडिकल कालेज सिवनी के डीन परवेज अहमद सिद्दिकी का कहना है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने सिवनी मेडीकल कोलज को 50 सीटों के लिए मान्यता जारी कर दी है। फैकल्टी के पदों को भरने का प्रयास शासन स्तर पर निरंतर जारी है। फिलहाल 40 फैकल्टी सिवनी मेडिकल को मिल चुकी हैं। इसे बढ़ाकर 60 से 70 करने का प्रयास किया जा रहा है।

सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन का कहना है की सिवनी वासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। फैकल्टी की संख्या बढ़ने पर एमबीबीएस की सीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ द्वारा सभी तरह के आपरेशन और प्रैक्टिकल जिला अस्पताल में किए जाएंगे। इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। गंभीर रोगियों को जिले में बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

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