कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर पहुंची हैं। वे यहां जन आक्रोश महारैली के जरिए चुनावी अभियान का आगाज करेंगी। वे सबसे पहले वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पहुंचीं। यहां पुष्पांजलि दी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मेला ग्राउंड पर सभा में प्रियंका गांधी ने प्रियंका ने बृज भाषा में संबोधन शुरू किया। कहा- सब भैया-बहनन आपको हमारी राम-राम। हमारे देश की परंपरा रही है कि हम नेताओं में सरलता, सभ्यता और सच्चाई ढूंढते हैं। हम चाहते हैं हमारे नेता में ऐसे गुण हों। आरोप-प्रत्यारोप, एक-दूसरे की बुराई के बीच जनता के असली मुद्दे डूब जाते हैं। आजकल अहंकार की राजनीति चलती है। यूपी में मुझसे कहा- बड़ी गाड़ी में बैठो। आजकल भौकाल की राजनीति है।
बिहार में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीएम ने एक बयान में कहा- जितने भी विपक्ष की पार्टियां हैं, सबको चोर बोल डाला। इतनी बड़ी पार्टियां और उनके नेता जनता के मुद्दे उठाकर आगे बढ़े उनका अपमान प्रधानमंत्रीजी ने किया। मणिपुर में भयावह अत्याचार हो रहा है। और हमारे प्रधानमंत्री ने 77 दिन के लिए इस पर कोई बयान ही नहीं दिया। कल एक भयावह वीडियो के बाद मजबूरी में एक वाक्या बोला- उसमें भी राजनीति घोल दी। उसमें उन प्रदेशों का नाम लिया जिनमें विपक्ष की सरकार है।
मैं पीएम, शिवराज और सिंधिया के बारे में 10-10 मिनट बोली सकती हूं। सिंधिया के बारे में भी 10 मिनट बोल सकती हूं, कि किस तरह राजनीत की दिशा बदल दी। लेकिन मैं ध्यान भटकाने नहीं आई हूं। महंगाई है। मैं टमाटर की बात नहीं कर रही हूं। वो तो 100 रुपए का है ही। आपको घर की मरम्मत कराना, बच्चों की फीस देना, छाता खरीदना महंगा हो गया है। आपके जीवन पर बोझ बन गई है ये महंगाई। ये आपके जीवन का मामला है। सिर्फ टमाटर का मामला नहीं। सबसे बड़ा बोझ महिलाओं पर है। आज रसोई के लिए सिलेंडर तो मिला लेकिन गैस नहीं भरी जा रही है। कोई बीमार हो जाए तो घबराहट होती है दवाएं कहां से खरीदकर लाऊं, क्योंकि महंगाई इतनी है।
प्रियंका की सभा जन आक्रोश महारैली के लिए तीन मंच बनाए गए हैं। मुख्य मंच पर प्रियंका के साथ पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह समेत दूसरे बड़े नेता है। दूसरे मंच पर प्रदेश के नेता, पदाधिकारी हैं। तीसरे मंच पर कांग्रेस के सांसद, विधायक और महापौर हैं।
मुझे लगता है कि जनता के मुद्दों पर बात करनी चाहिए। आज अपने देश में ऐसी सरकार क्यों है, जिसने पूरे देश की संपत्ति एक-दो बड़े लोगों को बेच दी। पहले आपको रोजगार मिलता था। आज परिस्थितियां ये हैं आप जानते हैं सेना की भर्ती का क्या किया? जब से अग्निवीर की स्कीम आई तब से ग्वालियर-चंबल की क्या स्थिति है। यहां से नौजवान सीमा पर तैनात होते रहे हैं। हरियाणा में कई युवा ट्रेनिंग से लौटते मिले। बोले- चार साल के लिए इतनी कड़ी ट्रेनिंग क्यों करें। लौटकर खेती ही करना है।
आपकी जागरुकता में कमी है। आप नेताओं से पूछिए कि घोटाले क्यों हो रहे हैं। आपने 22 हजार घोषणाएं की, क्या इसमें से 2000 भी पूरी कीं। आप ये नहीं पूछते आपके लिए इतनी महंगाई और बड़े उद्योगपतियों की कितनी कमाई है। 1600 करोड़ रुपए एक दिन में ये उद्योगपति कमा रहे हैं। इस देश का किसान एक दिन में 27 रुपए नहीं कमा पा रहा है। प्रदेश में युवा बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं।
आप ईमानदार सरकार चाहते हो तो इस सरकार को हटाकर ऐसी सरकार चाहते हैं जो रोजगार दे, अत्याचार खत्म करे। मैंने यूपी में एक युवाओं से पूछा- तुम्हें राशन की बोरी चाहिए या रोजगार चाहिए। सभी ने कहा- रोजगार चाहिए। हम अपने पैरों पर खड़े होकर खुद कमाना चाहते हैं। इस सरकार ने आपको निर्भर बनाने का काम किया है। आपको राशन और फालतू की स्कीम पर निर्भर करेंगे, लेकिन रोजगार नहीं देंगे।
प्रियंका ने ये गारंटी भी दी
कांग्रेस गारंटी लाई है। हमारी जहां-जहां सरकारें हैं, वहां जो गारंटी दी वो निभाई जा रही हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू है। जब आप नौकरी के लिए जाते हैं तो सरकार कहती है, पेंशन नहीं मिलेगी। लेकिन कांग्रेस सरकार वाले राज्यों में है। पुरानी पेंशन मप्र में भी लागू होगी।
बहनों के खाते में 1500 रुपए डाले जाएंगे। गैस सिलेंडर 500 रुपए में दिलवाया जाएगा। 100 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी। 200 यूनिट पर बिल आधा किया जाएगा। किसानों के कर्ज माफ करने का काम कांग्रेस की सरकार पूरा करेगी।
छग में 2600 रुपए आपको धान के लिए मिलते हैं। कर्नाटक में कहा था- बस में महिलाएं फ्री यात्रा करेंगी। वहां ये लागू है। मप्र में भी बदलाव की लहर है। एक ऐसी मजबूत सरकार बनाइए जो न खरीदी जा सके, न गिराई जा सके। जो आपके भविष्य को मजबूत बनाए। कमलनाथ से कहा- आपकी सरकार बनेगी तो आप दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाना। अभी दिव्यांगों ने बताया कि उनकी पेंशन 600 रुपए है।
प्रियंका ने सभा के आखिरी में भी ब्रज भाषा में बात की। कहा- मामा की भ्रष्ट सरकार बदलवे वाले है न। एक बार हमारे संगे जोर से बोलो- भाजपा जाएवे बारी है, कांग्रेस आएवे बारी है।
प्रदेश के घोटाले गिनाए
प्रियंका ने पटवारी घोटाले पर कहा- मां-बाप रुपए खर्च करके ट्यूशन कराते हैं। आज देखिए पटवारी भर्ती घोटाले में क्या हो गया। शर्म की बात है पिछले तीन साल में मात्र तीन सरकारी नौकरियां दी गई हैं। 18 साल से इनकी सरकार है। चुनाव से पहले ये कहने का क्या फायदा कि युवाओं और महिलाओं को क्या देंगे। इतने सालों में तो दिया नहीं। ये सच्चाई है।
जिस तरह घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं, इतनी लंबी लिस्ट है इसकी। मैं लिस्ट बाद में बताऊंगी। इन्होंने कुछ नहीं छोड़ा। महाकाल में भगवान की मूर्ति तक नहीं छोड़ी। ये पैसों से खरीदी हुई सरकार है।18 साल की सरकार है तो अहंकार होता ही है। नेताओं की आदतें भी खराब हो जाती है कि सरकार अपने ही पास है और रहेगी तो काम करने की क्या जरूरत है। जनता चुनाव तक सब भूल जाएगी और फिर से हमें वोट मिल जाएगा। आज मप्र में यही परिस्थितियां हैं। सत्ता की वजह से अहंकार और आलस है। सत्ता का स्वभाव है कि वो भी इंसान की असलियत उभार देती है। आप सत्ता को नेक इंसान के हाथ में दो वो भलाई करेगा। आप गलत आदमी के हाथ में दोगे तो इसी तरह की लूट मचेगी।
समाज में तनाव बढ़ता है तो अत्याचार होते हैं। अत्याचार उन्हीं पर होते हैं जो कमजोर है। आज आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को देख लीजिए। आपको समझाना जरूरी है, लेकिन मैं जानती हूं कि सबसे ज्यादा विवेक जनता में होता है। वो गलत निर्णय नहीं लेती। अब समय आ गया है कि आप अपने लिए अपने भविष्य के लिए बड़ा निर्णय करने वाले हैं। वो ये कि आप अगले पांच सालों में क्या यही चाहते हैं जो अभी तक हुआ है।
कमलनाथ बोले- शिवराज झूठ और घोटाले की मशीन हैं
पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सभा में कहा- ग्वालियर चंबल के लोग अन्याय नहीं सहते। अन्याय पर पलटवार करते हैं। आज प्रदेश का हर वर्ग आक्रोशित है। मैं महाराजा नहीं हूं। शिवराज सिंह कहते हैं, मैं मामा हूं। मैं मामा नहीं हूं। शिवराज कहते हैं मैं किसान का बेटा हूं, मैं किसान नहीं साधारण परिवार का बेटा हूं।
भाजपा सरकार ने मप्र की राजधानी को झूठ की राजधानी बनाया है। किसानों, माताओं-बहनों, नर्मदा और आदिवासियों को झूठ बोला। दलितों को झूठ बोला। गोमाता को भी झूठ बोला। शिवराज ने 18 साल में झूठ का पहाड़ खड़ा कर दिया। शिवराज झूठ और घोटाले की मशीन है। घोषणाओं की मशीन है। चुनाव में 4 महीने बचे हैं। ये मशीन दोगुनी गति से चल रही है।
वे भटकते नौजवानों को देख नहीं सकते। उनके आंख, कान नहीं चलते। मुंह चलता है। प्रदेश और मुंह चलाने में बहुत अंतर है। हमारी सरकार बनी। हमें बेरोजगारी और महिलाओं पर अत्याचार वाला प्रदेश सौंपा था। हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी। गोशालाएं बनाईं तो कौन सा पाप किया। आज चुनाव 4 महीने दूर हैं, शिवराज को बहनें, नौजवान और किसान याद आ रहे हैं। शिवराज जी आपने 18 साल में बेरोजगारी दी। कोरोना की मौतें दी। महाकाल का घोटाला दिया। मप्र में 2500 घोटाले हुए। ये इनकी देन है। शिवराज ने घर-घर में शराब भी दी। ये उनकी उपलब्धि है। हमें मप्र और नौजवानों का भविष्य सुरक्षित रखना है।
मैं दृश्य देख रहा हूं वो मैंने 1980 और फिर 1984 में देखा था-विवेक तन्खा
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा- जो आज मैं दृश्य देख रहा हूं वो मैंने 1980 और फिर 1984 में देखा था। इससे समझ में आ रहा है कि हमारी 20 साल की तपस्या खत्म होने वाली है।