जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

सहायक जिला लोक अभियोजक अधिकारियों की भर्तीयो में ओबीसी का 27% आरक्षण को चुनोती

आदेश हेतु प्रकरण रखा रिज़र्व अगली सुनवाई होगी अन्य याचिकाओ के साथ

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जबलपुर, यशभारत। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों की लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही भर्तीयो में ओबीसी के 27% आरक्षण को चुनोती दी गई है उक्त याचिका क्रमांक WP/3668/2022 की आज प्रारंभिक सुनवाई जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस डी. के. पालीवाल की खंडपीठ द्वारा की गई शासन की ओर से ओबीसी आरक्षण के केस में नियुक्त विशेष अद्बिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने शासन का पक्ष रखा कि इंद्रा शाहनी के प्रकरण में निर्धारित 50% की सीमा संसद द्वारा 103 वां शंशोधन कर समाप्त किया जा चुका है तथा इस याचिका में सिर्फ ओबीसी के ही 27% आरक्षण को 50% सीमा का उल्लघन करने का उल्लेख किया गया जबकि प्रदेश में 73% आरक्षण प्रवर्तन में है तथा ओबीसी का 27% आरक्षण को सुप्रीमकोर्ट ने उचित एवम न्यायोचित मान्य किया गया है तथा आज दिनाँक तक मध्यप्रदेश हाइकोर्ट को के अलावा देश की किसी भी हाइकोर्ट ने ओबीसी के 27% आरक्षण को हत्क्षेप नही किया गया है तथा 50% की सीमा केवल ओबीसी के 27% के सम्वन्ध में लागू नही होता तथा हाल ही में सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिनाँक 7 जनवरी 2022 को पारित आदेश से अवगत कराया जिसमे ओबीसी का 27% तथा ews का 10% आरक्षण मान्य किया गया है जिसके कारण अब 50% की सीमा अब अस्तित्व विहीन हो चुकी है । विशेष अद्बिवक्तों के उक्त तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा प्रकरण अदेशार्थ सुरक्षित रख लिया है । शासन का पक्ष विशेष आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने रखा ।

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