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समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन- SDM भी नहीं सुधार पाए व्यवस्था, खानापूर्ति करके झाड़ लिए हाथ

एक बार फिर नियमों को ताक पर रखकर केंद्र खोलने की तैयारी

जबलपुर, यश भारत। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की तारीख नजदीक आती जा रही है। ऐसे में उपार्जन को लेकर केंद्रों का निर्धारण किया जा रहा है। जिसमें पिछले कई बार से कई खामियां सामने आ रही थी। जिसे दूर करने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा सभी अनुविभागीय अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में गेहूं उपार्जन केंद्रों के निर्धारण की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केंद्र निर्धारित किए जाने थे। जिसको लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कुछ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए थे लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सभी दिशानर्देशों को दरकिनार करते हुए मनमर्जी के उपार्जन केंद्र स्थापित करने की तैयारी चल रही है। यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार अनु विभागीय अधिकारियों द्वारा जो सूची खाद्य विभाग व जिला विपणन संघ को भेजी गई है उसमें प्राथमिकताओं का ध्यान नहीं रखा गया है। जिसके चलते स्थिति फिर पुराने ढर्रे पर लौट सकती है।

ए और बी में होना था निर्धारण

राज्य शासन द्वारा उपार्जन केंद्र स्थापित करने के लिए जो प्राथमिकता सूची तैयार की गई थी उसमें गोदामों को ए और बी श्रेणी में रखा गया था। ए श्रेणी की गोदाम वे है। जिनमें धर्म कांटा, ग्रेडर, सैंपल और उपार्जन के लिए उपयुक्त स्थान मौजूद हो। साथ ही साथ में किसानों की पहुंच पर हो। इसके अलावा अन्य गोदामों को जिनमें सैंपलर , ग्रेड और कांटे आदि की व्यवस्था नहीं है उन्हें बी श्रेणी में रखा गया था। इसमें उपार्जन केंद्र स्थापित करने के लिए ए श्रेणी के गोदामों को प्राथमिकता दी जानी थी। जिन स्थानों पर ए श्रेणी की गोदाम नहीं है वहां जरूरत पड़ने पर बी श्रेणी की गोदामों में केंद्र स्थापित करें जाने थे। लेकिन यश भारत को जानकारी मिली है की अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा इन बिंदुओं को दरकिनार करते हुए केंद्रों की स्थापना के लिए अपनी सूची भेजी है। जिसके आधार पर खाद्य विभाग उपार्जन केंद्रों के लिए मैपिंग कर रहा है। यश भारत द्वारा धान उपार्जन के दौरान भी इस तरह की अनियमितता का मुद्दा उठाया था। जिसमें किसानों की सुविधाओं और शासन के आदेश को दरकिनार करते हुए कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध काम किए गए थे।

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