सड़कों पर उमड़ रहा जनसैलाब, दुल्हन की तरह सजा शहर, आज जालपा मढ़िया से जवारा विसर्जन जुलूस भी, कल ऐतिहासिक दशहरा चल समारोह

कटनी, यशभारत। आदिशक्ति जगतजननी मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन करने आज सड़कों पर जनसैलाब उमड़ेगा। शाम 6 बजते ही लोग परिवार सहित मां जगदम्बे के विभिन्न स्वरूपों के दर्शनार्थ सड़कों पर निकलने लगे हैं। आज जालपा देवी मढ़िया का जवारा जुलूस भी अपार भक्तिभाव के बीच निकाला जा रहा है। कटनी में कल 1 अक्टूबर को असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक दशहरा पर्व मनाया जाएगा। चौपाटी में रावण दहन का नजारा देखने हर बरस बड़ी संख्या में लोग उमड़ते है। विजयादशमी चल समारोह भी कल शाम 7 बजे पूरी भव्यता से निकाला जायेगा। आज शहर जगह जगह महा आरती और देवी जागरण के कार्यक्रमों से माता के गुणगान की धूम मची है।
इसके पहले कल अष्टमी को भी श्रद्धालुओं ने शहर की सड़कों में रतजगा किया। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं रही, जहां पर लोगों की भीड़ न हो। कई जगह जाम लगे तो कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। कोई पूरे परिवार के साथ गाड़ियों में दुर्गा प्रतिमाओं के दर्शन करने निकला, तो कई पैदल ही घूमकर पूरा नजारा देख रहा था। मातारानी के दर्शन करने हर कदम दुर्गा पंडालों की ओर ही जाता दिख रहा था। शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर श्रद्धालुओं की चहलकदमी शुरू हो गई थी। दुर्गा प्रतिमाओं के दर्शनार्थ सप्तमी की अपेक्षा कल आहमी पर ज्यादा चहल-पहल और भीड़-भाड़ नजर आई। आज मंगलवार नवमी को भी शहर की सड़कें रात भर जागेंगी। दुर्गोत्सव समितियों द्वारा की गई आकर्षक विद्युत साज-सज्जा से पूरा शहर दूधिया रोशनी से नहा रहा है। समितियों द्वारा पिछले वर्षों की परपरा का अनुसरण करते हुए इस बार भी नया प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आज भी झांकियों के दर्शनार्थ शहर की सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। कल अष्टमी पर मां जगतजननी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शनार्थ अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा। सड़कों में उमड़ी अपार भीड़ के चलते शहर के अंदरूनी मागों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटों यातायात बाधित होता रहा। आजाद चौक, चांडक चौक, गर्ग चौराहा, हीरांगज, सुक्खन चौक, शेर चौक, झंडा चाजार, कचहरी चौक, टाकीज रोड में पैदल चलने तक की जगह नहीं बची थी। हालाकि चौराहों में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। पुलिस कर्मियों ने तत्परता से जाम खुलवाया।
इन स्वरूपों के हो रहे दर्शन
शहर में पिछले सालों की तरह इस साल भी एक से बढ़कर एक झांकी बनाई गई है। जिसमे कृषि उपज मंडी में अनुपम साज सज्जा और भव्य पंडाल में खाटू श्याम की मूर्ति व संकट मोचन हनुमानजी के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। श्री साई दुर्गाउत्सव समिति घंटाघर द्वारा महाकाल की झांकी बनाई गई है। यहां सेल्फी पाइंट भी बनाया गया है। महाकाल सरकार सेवा समिति दुर्गा पूजा के भव्य पंडाल में झंडाबाजार बाजार की खरमाता का दिव्य दरवार सजाया गया है। यहां सवारियां सेठ के साथ बाबा महाकाल, श्री गणेशजी के साथ दरबार में जवारे बोए गए है। श्री गांधी दुर्गा पूजा समिति द्वारा घासपूंस की कुटिया में मां का दिव्य दरबार सजाया गया। पर्वत में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के साथ विराजी मां दुर्गा की सौम्य प्रतिमा पूजा पंडाल में आकर्षक झांकिया के साथ नवाग्रह मंडल की दिव्य स्थापना के साथ वैदिक रीति से मां की पूजा की जा रही है। इसी तरह केसीएस स्कूल में अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की अनुकृति बनाते हुए मां जगतजननी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
आकर्षक विद्युत साज-सज्जा से रोशन हो रहा पूरा शहर
बारडोली का दुर्गा पूजा पर्व साल-दर-साल अपनी एक अलग पहचान बनाता जा रहा है। दुर्गोत्सव समितियों में हर साल कुछ नया करने की जैसे होड़ सी लगी हुई है। भव्य झांकी बनाने के साथ ही आकर्षक विद्युत साज-सज्जा से पूरा शहरा मानो जगमगा रहा है। आजाद चौक से लेकर शेर चौक, लक्ष्मीनारायण मंदिर के पास, सुखन चौक, पोस्ट ऑफिस गली मोड़, झण्डा बाजार में दुर्गोत्सव समितियों द्वारा की गई आकर्षक विद्युत साज-सज्जा जनाकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इसके अलावा सराफा बाजार, केसीएस स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, सब्जी मंडी, सुभाष चौक पर विराजों मां वैष्णों देवी भक्तों पर कृपा बरसा रहीं है। गाटरघाट में खाटू श्याम भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। पुरानी बस्ती, झंडाबाजार सहित अनेक स्थानों पर चलित इराकियां भी लोगों को बरबस अपनी ओर खींच रही हैं।
जालपा मढ़िया के जवारों का विसर्जन आज
आज नवरात्र पर्व की नवमी मनाई जा रही है। इस अवसर पर मंदिरों के साथ ही घरों में कन्या भोजन का आयोजन किया गया । नवमी पर्व पर शहर के देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। जानकारी के मुताबिक आज परंपरानुसार मां जालपा मड़िया के जवारों का जुलूस आज शाम 7 बजे निकाला जा रहा है। जालपा मढ़िया से शुरू होकर जवारा जुलूस पुरानी बस्ती, जवारा गली होते हुए कटनी नदी पहुंचकर समाप्त होगा। यहां अपार आस्था के बीच जवारों का विसर्जन किया जाएगा।









