शिक्षा के माध्यम से ही सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते युवा , देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर किया पुण्य स्मरण

कटनी, यशभारत। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती शिक्षा क्रांति दिवस के दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर विश्राम बाबा में सावित्रीबाई फुले इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में गीत-संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथ के रूप में जिला पंचायत कटनी के उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा समिति के सभापति अशोक विश्वकर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि के रूप मेंं महिला थाना प्रभारी श्रीमती रश्मि सोनकर मंचासीन रही। अन्य अतिथियों के रूप में किसान नेता चैतूभाई पटेल, वरिष्ठ समाजसे ऋषिराम पटेल, प्रतिमा पटेल, संगीता बर्मन, युवाध्यक्ष संतराम पटेल, सोहनलाल चौधरी की उपस्थिति रही। समारोह की अध्यक्षता डॉ बी के पटेल ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने सर्वप्रथम देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के तैलचित्र पर माल्र्यापण एवं दीप प्रज्वलित किया। इसके उपरांत आयेाजन समिति ने मंचासीन अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया। कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट की छात्राओं ने एक से बढक़र एक गीत-संगीत एवं नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि शिक्षा, चिकित्सा और न्याय सभी को आसानी से मिलना चाहिए। इसके लिए सरकारें भी प्रयासरत है, लेकिन हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों को पढ़ाएं, जिससे वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें। महिला थाना प्रभारी श्रीमती रश्मि सोनकर ने कहा कि वर्तमान में सायबर अपराध बढ़ गए हैं। इनसे बचाव के लिए हमेशा सचेत रहना चाहिए। कॉलेज पढऩे वाली छात्राओं को अपने आसपास हो रही गतिविधियों पर हमेशा नजर रखनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है, जिससे आप अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ बी के पटेल ने कहा कि 18वी सदी में भारतीय समाज, बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों में जकड़ा हुआ था, तब सावित्रीबाई फुले अपने पति महात्मा ज्योतिवा राव फुले के साथ मिलकर महिलाओं के लिए नि:शुल्क विद्यालय खोले और बालिकाओं को शिक्षित करने बीड़ा उठाया। इनके मिशन से प्रेरित होकर बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में महिलाओं को शिक्षा व संपत्ति रखने का अधिकार दिया। कार्यक्रम का संचालन स्वाति साहू व पूनम कुशवाहा ने किया।

