शाम तक साफ हो जायेगी तस्वीर, चुनाव प्रभारी आकर करेंगे घोषणा, भाजपा जिलाध्यक्ष के चयन के सारे पेंच क्लियर

कटनी, यशभारत। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का इंतजार आज खत्म हो सकता है। भोपाल से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक आज कटनी समेत प्रदेश के अन्य जिलों के नए भाजपा जिलाध्यक्षों के नाम सामने आ जाएंगे। दिल्ली से जारी हुई गाइडलाइन के मुताबिक चुनाव प्रभारी और पर्यवेक्षक जिलों में जाकर प्रमुख नेताओं की बैठकों में नए जिलाध्यक्ष का ऐलान करेंगे। कटनी में इन पंक्तियों के लिखे जाने तक चुनाव प्रभारी के कटनी आने की कोई सूचना नहीं थी, तथापि सूत्र बता रहे हैं कि शाम तक सारी तस्वीर साफ हो जायेगी। करीब करीब तय माना जा रहा है कि दीपक सोनी टंडन को रिपीट किया जा रहा है। भोपाल से भी यही संकेत मिल रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा कल रात दिल्ली से भोपाल आ गए। एमपी के 40 से ज्यादा जिलों के लिए केंद्रीय नेताओं के साथ नाम फाइनल कर लिए गए हैं जिसमें कटनी भी शामिल है। आज सुबह से राजधानी भोपाल में चर्चा सरगर्म है कि कुछ देर बाद जिलाध्यक्षों की सूची जारी हो सकती है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी हलचल है। हमारे भोपाल संवाददाता ने बताया कि प्रदेश भाजपा कार्यालय में दोपहर तक अनेक प्रमुख नेताओं का जमावड़ा हो चुका था। जिलों के प्रभारियों को प्रदेश कार्यालय से फोन लगाए जा रहे थे। सूत्र बता रहे हैं कि जिला चुनाव प्रभारियों को उनके प्रभार वाले जिलों के जिलाध्यक्षों के नाम बता दिए जाएंगे, इसके बाद उन्हें निर्देशित किया जाएगा कि वे जिलों में पहुंचकर वरिष्ठ नेताओं की बैठक आयोजित करें और सभी की मौजूदगी में घोषणा कर दें। यशभारत ने आज दोपहर 1 बजे इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जिला संगठन से जुड़े कई नेताओं से बातचीत की। उनका कहना था कि प्रभारी के आने की कोई अधिकृत सूचना अब तक नहीं आई है तथापि पूरी पार्टी एलर्ट मोड में है। वर्तमान जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन के समर्थकों का आत्मविश्वास देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है कि उनकी दोबारा ताजपोशी में कोई अड़चन नहीं है। पिछले एक माह से अनेक नेता जिलाध्यक्ष की कुर्सी पाने भोपाल और दिल्ली तक भागदौड़ करते रहे, लेकिन दीपक सोनी टंडन बेफिक्र रहकर कटनी में ही संगठन से जुड़े कामकाज निपटाते रहे। उनकी बेफिक्री भी बता रही है कि उनकी वापसी की राह में की अड़चन नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जिले के विधायकों से भी इस मसले पर ग्रीन सिग्नल ले लिया है, ऐसा सूत्र बता रहे हैं। वैसे अश्वनी गौतम और सुनील उपाध्याय के नाम भी बदलाव की संभावना के आधार पर बताए जा रहे हैं।
विवादों में हुई लेटलतीफी
पहले ये सूची 5 जनवरी को जारी होनी थी, लेकिन कई जिलों में एक नाम पर सहमति ना बन पाने की वजह से गतिरोध इतना बढ़ा कि ये पूरा मामला केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंचा। दिल्ली में राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह से मंथन के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया है।असल में ये पहली बार है कि जिला अध्यक्ष की सूची जारी होने में इतना लंबा समय लगा। वजह ये थी कि कई जिलों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाए जाने का दबाव था। कई जिलों में चूंकि कद्दावर नेताओं की तादात ज्यादा थी, इसलिए एक नाम पर आम सहमति बनना कठिन हो रहा था।


