शहर की इस सड़क में बेफिक्र होकर नहीं चल सकते,क्योंकि फुटपाथ पर सजी हैं दुकानें

जबलपुर यशभारत। फुटपाथ में दुकानें सजी है, सड़क पर पार्किंग कराई जा रही है। पैदल चलने के लिए बची जगहों पर चाय, नाश्ता, फुल्की, चाट लगाने ने ठेले- टपरे वालों ने कब्जा कर लिया है। ये नजारा है नौदराब्रिज से लेकर करमचंद चैक की तरफ जाने वाले प्रमुख व व्यस्ततम मार्ग का। पैदल चलने के लिए फुटपाथ यहां भी खाली नहीं हैं। पैदल चलने वाले सड़क पर बेफ्रिक होकर चल नहीं सकते। क्योंकि फुटपाथ पर कब्जे और आधी सड़क घेर कर दुकानदारों द्वारा कराई जा रही अवैध पार्किंग के कारण जाम के हालत बन रहे हैं। इस प्रमुख मार्ग पर पैदल चलने से लेकर वाहन चलाना तक दूभर हो गया है। नगर निगम के अधिकािरियों को भी पता है कि फुटपाथ और सड़क पर कब्जे हैं लेकिन इन्हें हटाने की वे हिम्मत नही जुटा पा रहे।
नौदराब्रिज से करमचंद की तरफ जाने वाले पर फर्नीचर, कुर्सी, गद्दे, इलेक्ट्रानिक सहित अन्य शोरूम का सामान बाहर तक रखा गया है। सबसे ज्यादा परेशानी बाजार क्षेत्र को जोड़ने वाले करमंचद चैक से नौदराब्रिज की तरफ आने वालों को हो रही है। क्योंकि फुटपाथ पर जहां कब्जा रखा गया है वहीं बीच में डिवाइडर और दोनों तरफ आधी सड़क तक दुकानदार, व्यावसायियों द्वारा पार्किंग कराए जाने से सड़क भी सकरी हो गई है।
ठेले-टपरे भी आबाद, सकरी हो गई सड़क
इस व्यस्ततम मार्ग के फुटपाथ पर चाय, नाश्ता, फुल्की, चाट, चायनीज, अंडे वालों ने अस्थाई ठेले-टपरे आबाद हो गए हैं। खान-पान के शौकीन अपने वाहन सड़क पर ही पार्क कर रहे है। जिससे सड़क सकरी हो गई जाती है। जयंती काम्पलेक्स की तरफ भी अवैध पार्किंग के कारण पैदल निकला और वाहन चलाना दूभर हो गया है।
नगर निगम ने बंद की कार्रवाई
नगर नगम ने शहर के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ही बंद कर दी है। बताया जाता है कि जब से सहायक आयुक्त अतिक्रमण प्रदीप झारिया का तबादला हुआ है तब से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी तरह से बंद हो गई है। जिसके कारण जहां के कब्जे पूर्व में हटाए गए थे वहां दोबारा कब्जे जम गए हैं। फिलहाल अतिक्रमण शाखा का प्रभार सहायक आयुक्त वेदप्रकाश को सौंपा गया है लेकिन उन्हें स्वच्छ सर्वेक्षण के कार्य में लगाया गया है।
पैदल चलने के लिए फुटपाथ नहीं बचे हैं। फुटपाथ पर सामान है तो सड़क पर वाहन खड़े किए जा रहे हैं। नगर निगम को इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
– शशांक बर्मन, नागरिक
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फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए है। लेकिन शहर में शायद ही कोई फुटपाथ हो जहां लोग पैदल चल सके। हर फुटपाथ कब्जे में हैं। दुकानें सजी रहती है।
जय कुमार गुप्ता, नागरिक
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नगर निगम द्वारा यदि लगातार कड़ाई से कार्रवाई की जाए तो फुटपाथ कब्जा मुक्त हो सकते हैं। लेकिन नगर निगम सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रहा है। इसका खामियाजा नागरिकों को चुकाना पड़ रहा है।
– विजय साहू, नागरिक