शमशान घाटों में अंतिम संस्कार के नाम पर लूट: रेट लिस्ट गायब, पत्थरों को बांट बनाकर लकड़ी की होती है तौल

जबलपुर, यशभारत। शहर के मुक्तिधामों में शव के परिजनों को लूटा जा रहा है। लकड़ी के दाम अपने मन मुताबिक तय किए गए हैं, कब मुक्तिधामों में लकड़ी का रेट बढ़ जाता है इसकी जानकारी डिस्पेल बोर्ड या फिर दीवार में भी चस्पा नहीं होती है। यही नहीं शमशानों घाटों में लकड़ी का तौलने का काम आज भी बाबा आदिम के जमाने से हो रहा है मतलब कांटे में एक तरफ पत्थर रखकर लकड़ी तौली जाती है। मुक्तिधामों में हो रही लूट को लेकर शहर के अटल उपाध्याय, अरविंद दुबे, अजय दुबे, प्रशांत सोधिया, नरेश शुक्ला, मुकेश चतुर्वेदी, संतोष मिश्रा, धीरेंद्र सिंह, संतोष गौतम, नरेंद्र सेन आदि ने विरोध जताया है। सभी ने इस बारे में कलेक्टर को शिकायत सौंपने की बात कही है।

क्षेत्रीय नागरिक अटल उपाध्याय का कहना है कि अंतिम संस्कार के नाम पर शमशान घाटों में लूट मचा रखी है। मृतक के परिजन उस वक्त इस स्थिति में नहीं रहते हैं कि दाह संस्कार में लगने वाली सामग्री में कितना पैसा उनसे लिया जा रहा है। शहर के मुक्तिधामों में स्थिति ऐसी है कि लकड़ी तौल बांटों की जगह पत्थरों से की जा रही है, अब कितनी तौल लकड़ी की मिल रही है इसका हिसाब भी नहीं रहता है।
रसीद भी नहीं मिलती है
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मुक्तिधामों में मनमानी की जा रही है। दाह संस्कार के लिए उपयोग होने वाली लकड़ी सहित अन्य सामग्री लेने वाले परिवार को किसी भी तरह की रसीद नहीं दी जाती है। मौखिक रूपए बताकर पैसा लिया जाता है। यही नहीं कुछ गीली लकड़ी के बीच सूखी लकड़ी रखकर तौल की जाती है। इससे मुक्तिधाम में लकड़ी बेचने वालों को अ’छा-खासा मुनाफा होता है।
रेट लिस्ट नहीं नजर नहीं आती है
अटल उपाध्याय का आरोप है कि मुक्तिधामों में लोगों को लूटा जा रहा है, यहां पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। किसी भी मुक्तिधाम में लकड़ी की रेट लिस्ट दीवार चस्पा में नहीं है। इसकी वजह से कई बार विवाद की स्थिति बनती है। बाद में दाह संस्कार के लिए पहुंचे परिवार को मनचाहा पैसा देना पड़ता है।
मुक्तिधामों में लिया जाता है लकड़ी पैसा
तिलवारा में 1000 रूपए क्ंिवटल
ग्वारीघाट में-900 रूपए क्ंिवटल
रानीताल में- 850 रूपए क्ंिवटल
चौहानी में -8&0 रूपए क्ंिवटल