जबलपुर मेडिकल के डॉक्टरों ने मेरे जीजा को मार डाला : पैर में सूजन थी, बॉटल चढ़ाते ही 8 घंटे में कैजुअल्टी में तोड़ दिया दम…..वीडियो … देखें…..
पीडि़त साले ने मेडिकल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप, अधीक्षक से की शिकायत, कहा- न्याय नहीं मिला तो न्यायालय तक जाऊँगा....


जबलपुर, यशभारत। नेजाजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक अधेड़ की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद मेडिकल प्रबंधन कटघरे में है। मरीज को परिजनों द्वारा पैर में सूजन की शिकायत के बाद मेडिकल लेकर आए थे, जहां एक्सरे आदि की जांच के बाद मरीज को ठंड लगी, जिसके बाद डॉक्टरों ने बॉटल चढ़ा दी और उसके बाद कैजुअल्टी में ही मरीज ने तडफ़ते हुए दम तोड़ दिया। मृतक के साले ने जीजा की हुई मौत के बाद प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है। उनका कहना है कि डॉक्टरों के गलत इलाज ने ही उनके जीजा के प्राण ले लिए। जिसके बाद पीडि़त ने मेडिकल अधीक्षक से भी शिकायत की है। पीडि़त का कहना है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह न्यायालय की शरण में भी जाएगा।
मेेडिकल से प्रदीप शुक्ला निवासी धनवंतरी नगर ने बताया कि वह पेशे से बस ड्राइवर है। उसके जीजा दीपक मिश्रा शहपुरा भिटौनी के निवासी थे, जो भी पेशे से बस चालक थे। दीपक को पैर में सूजन थी, जिन्हे मेेडिकल इलाज हेतु लेकर आए थे लेकिन उसे क्या पता था कि डॉक्टरों के गलत इलाज से उसके जीजा की मौत हो जाएगी।
सुबह लेकर आए, शाम को मौत
पीडि़त प्रदीप शुक्ला ने बताया कि कल सुबह 10.30 बजे उसने जीजा प्रदीप मिश्रा को पैर में सूजन आने के बाद मेडिकल में लेकर आए थे। जहां डॉक्टरों ने चेक कर एक्सरा आदि करवाने के लिए लिख दिया। सुबह से लेकर शाम 4 बजे तक जांच करवाई। जिसके बाद जीजा दीपक को हल्की ठंड लगी। उसने डॉक्टरों से शिकयत की। जिसके बाद डॉक्टरों ने जीजा को ग्लूकोज की बॉटल चढ़ा दी। लेकिन उसके दो घंटे के बाद ही जीजा की दर्दनाक मौत हो गयी।
गरीब हालत है, बहन कैसे गुजारा करेगी
पीडि़त ने बताया कि उसके जीजा की आर्थिक हालत जर्जर है, एक बेटा 19 साल का है, जिसने पढ़ाई छोड़ दी है और बेरोजगार है। नौकरी से ही जो कुछ कमाते थे, उसी से घर चलता था अब उसकी बहन इन हालातों में गृहस्थी का बोझ कैसे उठाऐगी।