जबलपुर, यशभारत। मार्ग शीर्ष माह की पंचमी को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान राम और मां जानकी का विवाह हुआ था। इस बार आठ दिसंबर बुधवार आज विवाह पंचमी त्रिग्रही योग में मनाई जा रही है। जिसमें ग्रह नक्षत्रों का सुंदर संयोग बन रहा है। इस दिन शुक्र मकर राशि में आकर शनि और चंद्रमा के साथ मिलकर त्रिग्रही योग बनाएंगे। विवाह पंचमी पर श्रवण नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इस पर अच्छी बात यह है कि इस दिन ध्रुव नामक योग भी बना है।
श्रीराम-जानकी की आराधना करने से समस्याएं दूर होती है
ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रीराम जानकी की आराधना करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। जिनकी शादी में बाधा आ रही है उनकी रूकावटें भी दूर होती हैं तथा सुयोग्य जीवन साथी प्राप्त होता है। विवाह पंचमी विशेष त्यौहार है, इसे आयोध्या तथा सीता जन्मभूमि जनकपुर धाम में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो विवाह पंचमी पूरे भारत में धूमधाम से मनायी जाती है।
संपत्ति क्रय करना भी शुभ है
इस योग में कोई नया काम आरंभ करना और स्थायी संपत्ति क्रय करना भी शुभ रहेगा। इस बार विवाह पंचमी के अवसर पर रवि नामक शुभ योग भी प्रभावी रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को तमाम अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने वाला बताया गया है। ऐसे में विवाह पंचमी के दिन आप जो भी धामिज़्क अनुष्ठान, शुभ काम, नया कारोबार, नई साझेदारी यह सब शुरू कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरहरि पांडे
गृहस्थ जीवन के लिए पूजन शुभ फलदायी
ज्योतिषाचार्य पंडित नरहरि पांडे ने बताया कि इस वर्ष विवाह पंचमी के दिन ग्रह नक्षत्रों का बहुत ही सुंदर संयोग बना है। ऐसे में भगवान राम और देवी सीता के विवाह के अवसर पर इस युगल जोड़ी की पूजा और आराधना करना गृहस्थ जीवन के लिए बहुत ही शुभ फलदायी रहेगा। नक्षत्र और योग का यह संयोग भी बहुत ही शुभ फलदायी है जो शुभ कार्यों में उन्नति और वृद्धि प्रदान करने वाला है। इसलिए इस संयोग में गुरु मंत्र लेना भी शुभ रहने वाला है।