विकास की योजनाओं की निकली हवा? : मूलभूत सुविधाएं कोसों दूर : नागरिक परेशान
मंडला | आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला, आजादी के बाद से लेकर अब तक यूं तो विकास के नाम पर करोड़ अरबो रुपए खर्च किया गया है लेकिन आज भी विकास के कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। आज भी मध्यप्रदेश का मंडला जिला आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद भी विकास को तरस रहा है। यहां पर तमाम तरह के वे सभी विकास कार्य नहीं हुए जिनका होना जरूरी था विकास की मुख्य धारा से आज भी यह जिला नहीं जुड पाया है। लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिरकार विकास की गंगा यहां कब बहेगी ?
इस जिले में विकास के नाम पर सिर्फ होली खेली गई है। हकीकत के धरातल में योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ है यही वजह है कि यहां के नागरिक छोटी बड़ी सभी तरह की समस्याओं से आज भी जूझ रहे है। बिजली, पानी की समस्या से लोगों को अब भी परेशान होना पड़ रहा है। सड़कों की हालत खस्ता हाल ही रहती है। सड़कों के नव निर्माण या मरम्मत कार्य के लिए इस जिले में विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए यहां के नागरिक सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से बहुत परेशान हैं। शिक्षा व्यवस्था यहां की बिल्कुल भी सही नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है और शिक्षक मुख्यालय में नहीं रह रहे हैं। अपडाउन की वजह से भी शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रहे है। शिक्षक स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं या नहीं इस बात की जांच पड़ताल भी नहीं की जा रही है। सरकारी स्कूल भवनों की हालत खस्ता होने के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही हाल लगभग प्राईवेट स्कूलों के हैं। प्राइवेट स्कूलों की जांच पड़ताल सही तरीके से नहीं की जा रही है।
स्वास्थ्य व्यवस्था इस जिले में बेहद खराब स्थिति में है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने में ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। इसके साथ ही आयुर्वेेदिक औषधालयों को उपयोगी बनाने के लिए भी सही कोशिन नहीं की जा रही है। क्षतिग्रस्त शासकीय भवनों की मरम्मत में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रधानंत्री पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत घोर लापरवाही बरती जा रही है। उद्योग, पर्यटन, विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन की हवा निकल गई है। इस मिशन अंतर्गत भारी धांधली किये जाने की चर्चा जोरों पर चल रही हैं। आज भी खुलेआम शौच किया जा रहा है। घटिया शौचालीय क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शौचालयों की मरम्मत व नव निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और पूर्व में सरकार द्वारा इस जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। कृषि उद्यानिकी, वानिकी की योजनाओं का लाभ व्यापक स्तर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
इन विभागों के योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से इस जिले में नही होने की वजह से जरूरतमंद योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। ग्राम पंचायतों की मनमानियों पर नकेल कसने के लिए कोई परिणामकारी कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्राम पंचायतों के कार्यों को निनरीक्षा आदि भी संभवतः नहीं किया जा रहा है। गंदगी बीमारी बेरोजगारी निरक्षरता व धांधली जैसी समस्याओं को जड़मूल से समाप्त करने के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उद्यानों की हालत खस्ता है।