वाह… रे… नगर निगम के अधिकारी: 2018 में मरे व्यक्ति को 100 साल पहले मार दिया
सहायता राशि के फार्म में हुई गलती को ठीक कराने मृतक की पत्नी एक साल से दर-दर भटक रही है

जबलपुर, यशभारत। प्रदेश सरकार और जिले के प्रशासनिक अमले के आला अधिकारी लोगों को सुविधा और योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रयास करें परंतु निचले स्तर के अधिकारी इनके प्रयासों में पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला चण्डालभाटा दीनदयाल में रहने वाली एक विधवा महिला से जुड़ा है। दरअसल मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना में महिला के पति की मौत की तारीख गलत अंकित होने पर उसे योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके लिए पीड़ित महिला एक साल से नगर निगम कार्यालयों के चक्कर काट रही है। पति की मौत के बाद तीन बच्चों का पालन-पोषण करना महिला के लिए मुसीबत भरा साबित हो रहा है।

चण्डालभाटा दीनदयाल में रहने वाली आरती चौधरी ने बताया कि बीमारी के चलते पति अजय चौधरी की मौत 16-11-2018 को हो गई थी। पति की मौत पर उसने मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि का फार्म दमोहनाका नगर निगम जोन क्रमांक-6 से भरा था। जिसमें पति की मृत्यु साल 1900 दर्ज कर दी गई, इस वजह से उसे मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

पति के बाद अकेली हो गई, अंत्येष्टि भी उधार के पैसों से की
पीड़ित विधवा महिला आरती चौधरी ने बताया कि पति के जाने के बाद वह अकेली हो गई। उस पर तीन बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है, पति का अंत्येष्टि कार्यक्रम भी उधार के पैसों से हुआ है। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना सहायता राशि के इसलिए आवेदन किया था कि इन पैसों से वह छोटा रोजगार और अंत्येष्टि कार्यक्रम के लिए लोगों से जो पैसा उधार लिया उसको चुका पाती। परंतु नगर निगम जोन क्रमांक-6 के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उसे एक साल इस योजनाा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

सहायता राशि के फार्म में हुई गलती को लेकर पीड़ित महिला नगर निगम कार्यालयों के चक्कर काटकर थक गई है। महिला को भोपाल से फार्म में सुधार होने का हवाला देकर भगा दिया जाता है। पीड़ित महिला का कहना है कि सहायता राशि फार्म में हुई गलती को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित निगम के तमाम बड़े अधिकारियों को आवेदन दे चुकी है पर कहीं से मदद नहीं मिली है।
