
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सामूहिक भोज में रायता पीने के बाद 500 लोगों की जान हलक में अटक गई। सुनने में यह आपको अटपटा लग सकता है, लेकिन यह सच है। मामला डबरा के चांदपुर गांव का है। जहां 2 दिन पहले तेरहवीं भोज में करीब 700 लोगों ने रायता पिया था।
जिस भैंस के दूध (मट्ठा) से रायता तैयार किया गया था, उस भैंस की मौत कुत्ते के काटने से हो गई। इसके बाद बछड़े की भी मौत हो गई। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी लगी, वो दहशत में आ गए और 500 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंच गए। हालात ये थे कि लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ी।
हरिसिंह नाम के ग्रामीण ने बताया कि चांदपुर गांव में तेरहवीं का कार्यक्रम था। इसमें दतिया ज़िले के पाली गांव से मंगाए गए मट्ठा से रायता बनाया गया था। भोज में करीब 700 लोगों को रायता परोसा गया था। भोज होने के बाद सूचना मिली कि जिस भैंस के दूध से मट्ठा और फिर रायता बना है उसकी मौत हो गई है।
ग्रामीणों में कुत्ते के काटने से भैंस की मौत की खबर के बाद हड़कंप मच गया। 500 से अधिक ग्रामीण सिविल अस्पताल डबरा पहुंचे। एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने की होड़ में लाइन लगाकर खड़े हो गए हैं। कई को इंजेक्शन लगा तो कई रह गए।
डॉक्टर्स ने मना किया तो SDM के पास पहुंचे
डाक्टर्स ने जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों से मना किया तो वह SDM के पास पहुंच गए। मामले की गंभीरता और ग्रामीणों में दहशत के माहौल के चलते डबरा SDM प्रदीप शर्मा ने तत्काल ग्वालियर से टीम बुलाई। डबरा से भी डॉक्टर लेकर चांदपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों को समझाया कि दूध पीने या रायता खाने से रेबीज जैसी बीमारी नहीं फैलती है।