सतना। जिले की नागौद जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रहिकवारा में संबल योजना के तहत हुए बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरोप है कि जिंदा लोगों को मरा दिखाकर, अंत्येष्टि और अनुग्रह सहायता राशि के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया। इस पूरे खेल में ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव, पीसीओ और जनपद पंचायत के सीईओ की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
यह घोटाला श्रमिक परिवारों को आर्थिक सहायता देने वाली संबल योजना के तहत हुआ।शिकायत के अनुसार अधिकारियों ने मिलीभगत कर जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित किया और उनके नाम से सरकारी राशि निकाल ली।
पहला मामला सज्जन चौधरी (आईडी क्रमांक 132910955) का है, जिन्हें मृत दर्शाकर
10 जनवरी 2021 को 5,000 की अंत्येष्टि सहायता और 2 लाख की अनुग्रह राशि निकाल ली गई,जबकि सज्जन चौधरी आज भी जीवित हैं।
दूसरा मामला गनपत कुशवाहा (आईडी क्रमांक 103975461) का है, जिन्हें 14 जनवरी 2020 को मृत दिखाया गया और 5,000 अंत्येष्टि तथा 2 लाख अनुग्रह राशि निकाल ली गई
तीसरा मामला रामचरण चौधरी (आईडी क्रमांक 132785947) का है — जिनकी वास्तविक मृत्यु 12 अप्रैल 2020 को हुई थी। लेकिन उनके परिवार को मिलने वाली राशि किसी अन्य व्यक्ति के खाते में भेज दी गई।
ग्रामीणों में आक्रोश, जांच की मांग तेज
ग्रामवासियों ने इस पूरे मामले को सरकारी धन की हेराफेरी बताया है। उनका कहना है कि
ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मिलकर इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं।
ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई और आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान यह शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा – “जांच के बाद यदि किसी की गलती पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यदि अन्य स्थानों से भी ऐसे मामले सामने आते हैं, तो उनकी भी जांच कराई जाएगी।
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