योजनाएं अपार नल जल योजना का बंटाढार : पेयजल संकट, अधूरे निर्माण से बाधित हो रही जलापूर्ति

नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा यभाप्र। जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना के चलते सरकार ने भले ही करोड़ों रुपए के टेंडर जारी किये, और ठेकेदारों द्वारा भी ठेका लेकर पेटी पर काम देकर ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजलापूर्ति को लेकर जो स्थिति निर्मित कर रखी है उससे संपूर्ण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति को लेकर गंभीर स्थिति बनी हुई है।
जर्जर टूटी फूटी लाइनों गुणवत्ताहीन पेयजल सप्लाई लाइनों टंकियों से पेयजल की आपूर्ती ना होना तो ट्यूबेल के गड्ढे खनन करके वर्षो से आगे कोई निर्माण ना होना जैसी विभिन्न प्रकार की विसंगतियां इस संपूर्ण विकासखंड क्षेत्र मे देखने को मिल रही है। और इस विषय को लेकर जब विकास खंड स्तर पर पी एच ई विभाग के अधिकारियों से चर्चा या जानकारी मांगी जाती है तो गोलमाल जबाब देने के साथ बात या जानकारी देने से बचते हुए नजर आते हैं या फिर फोन नहीं उठाते है।
नलों से पानी आने का हो रहा है इंतजार
चांवरपाठा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत उमरपानी के ग्राम जैतपुर मे पेयजल की समस्या कोई आज की समस्या नहीं है। विगत एक दशक से यहां के वासिंदों द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक अपनी बात रखी लेकिन आज भी यहां के लोग नलों से पानी आने का इंतजार करते हुये देखे जा रहे है। स्थिति यह बनी हुई है कि यहां पर एक ट्यूबेल खनन कराया गया है और विद्युत ट्रांसफार्मर भी रख दिया गया है। लाइन बिछाकर स्टैंड पोस घरों के सामने खड़े कर दिये गये है। लेकिन पिछले 6 महिने से यह स्टेंड पोस केवल सोभा की सुपारी बने हुये है। ग्राम के लोगों द्वारा जब सामूहिक रूप से शिकायत की जाती है तो अधिकारी पंहुचकर केवल आश्वासनों के झूठे सव्जबाग देकर बच निकलते है। वर्तमान मे यहां के लोग खेतों मे बनी ट्यूबेल और कुओं से पानी भरने के लिये मजबूर है और मवेशियों को भी वहीं पर ले जाकर पानी पिलाकर स्वयं का निस्तार कर रहे है।
केसिंग डालकर भूल विभाग
इसी विकासखंड के अंतर्गत पीएचई विभाग द्वारा यहां पर एक ट्यूबेल का खनन कराया था जिसमें केवल केसिंग डालकर आगे की व्यवस्था आज तक शुरू नहीं हो सकी है। लगभग 44 लाख रूपये की लागत से यहां पर पेयजल सप्लाई के माध्यम से घर घर पानी पंहुचाना था लेकिन गांव के लोगों द्वारा पानी का इंतजार किया जा रहा हेै। अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी है।
पानी की टंकी बनी लेकिन सप्लाई नहीं हो सकी शुरू
ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत रम्पुरा के अंतर्गत घुघरी ग्राम मे देखने को मिलता है। जहां 2 वर्ष पूर्व लगभग 50 लाख रूपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था लेकिन सबसे बड़ी विसंगती यह है कि इस टंकी से अभी तक पानी की सप्लाई ही शुरू नहीं हो सकी है। घरों के सामने स्टेेंड पोस को खड़े कर दिये गये है लेकिन पानी कब तक आयेगा यह कहा नहीं जा सकता।
इसी तरह से ग्राम पंचायत करहैया बारहा झिरी गांव मे नल जल योजना के तहत पानी पंहुचाने का उद्देश्य आज तक पूर्ण नहीं हो सका है। संबंधित ठेकेदारो की चल रही मनमानी और विभागीय अधिकारियों की मिली भगत के चलते इन योजनाओं को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। विकासखंड के अंतर्गत अनेकों गां की लगभग यही स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण पेयजल को लेकर परेशान देखे जा रहे है फिर भी कोई उचित पहल ना हो पाना सोचनीय विषय बना हुआ है।