जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

ये हैं अग्नि रक्षक : जान जोखिम में डालकर बचाते हैं शहर की जान

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जबलपुर, यशभारत। शहर का अग्रिशमन दल अपनी जान को जोखिम में डालकर शहर के नागरिकों की जान और माल की रक्षा करता है। हाल ही में मदनमहल टालों और गोदाम में लगी आग पर काबू पाने दमकल कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी। यह किसी देवदूत से कम नहीं। कम संसाधान और कर्मियों के बावजूद किसी भी अग्रिकांड को नियंत्रित करने का जिम्मा इनका है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए मदनमहल अग्रिकांड को समय रहते नियंत्रित कर, हजारों रहवासियों की जान बचाने वाले फायर मैन और वाहन चालकों को इस दौरान अनेक कठनाईयों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन कड़ी ट्रेनिंग और सूझबूझ के चलते बगैर रास्ता हुए भी वाहन पहुंचाकर आग पर काबू पाया गया।

गौरतलब है कि महानद्दा क्षेत्र स्थित साहू कॉलोनी में जयेश पटेल का लकड़ी के टाल के साथ ही साथ एक साथ कई टाल और भी लगे हुए थे। शनिवार की रात तकरीबन साढ़े 11 बजे टाल में अचानक आग भड़क गई। स्थानीय लोगों ने आग को काबू करने के साथ ही नगर निगम के दमकल विभाग को सूचना दी। आग बढ़ते देख नगर निगम की सातों दमकलों को मौके पर भेजा गया। वहीं, सुबह आठ बजे तक करीब 80 से 100 चक्कर दमकलों ने लगा लिए थे। बताया गया कि मौके पर एक साथ चार से ज्यादा टाल थे। दोनों में आग लगने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। स्थानीय लोग भी घरों को छोड़कर बाहर आ गए। पूरे क्षेत्र में देर रात तक दहशत का माहौल रहा। वहीं अनेक घरों को खाली कराया गया था, ताकि आग लगने के बाद किसी प्रकार से जनहानि ना हो सके। नगर निगम के अनुसार महानद्दा तालाब के ठीक पीछे एक साथ कई टाल बने हुए हैं। आग ने अचानक से भीषण रूप रख लिया। आशंका को देखते हुए नजदीक के तीन घरों को खाली कराया गया। जिसके बाद रविवार सुबह करीब 8 बजे तक दमकल वाहन आग बुझाते रहे।

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यशभारत को जानकारी देते राजेन्द्र पटैल, सहायक अधीक्षक अग्निशमन दल

रास्ता खुलवाने लगाई गई थी जेसीबी
राजेन्द्र पटैल सहायक अधीक्षक अग्रिशमन दल ने जानकारी देते हुए बताया कि टाल के समीप ही सैनिटाइजर और दवाओं का गोदाम है। इस कारण आग को काबू करने में ज्यादा मशक्कत करना पड़ी। वहीं, जहां आग लगी थी वहां अग्रिशमन दल के वाहनों का पहुंचपाना लगभग असंभव था, जिस कारण तुरंत जेसीबी लगाकर रास्ते के आसपास बने मकानों को आशिक तोड़कर रास्ता बनाया गया, तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया जा सका।

ये थे अग्रिशमन दल के जाबांज
फायर मैन राजेश जैन ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार तुरंत फायर मैनों को अलर्ट किया गया। जिसके बाद ड्यूटी में तैनात फायर मैन आकाश श्रीवास्तव, महेश मलिक, ओमप्रकाश दुबे, शिवप्रसाद लोाधी, सुल्तान खान, दिलीप यादव, दीपू रंजन, ओमप्रकाश यादव को वाहनों सहित मौके पर भेजा गया तो वहीं हांका गैंग सहित 40 लोगों को इस काम में लगाया गया था।

इन्होंने सम्हाली थी कमान
अमले ने जानकारी देते हुए बताया कि अग्रिकांड के सूचना के बाद तत्काल 7 वाहनों को मौके पर अमले के साथ भेजा गया था वहीं 3 वाटर टैंक लगाए गए थे। वाहन चालकों में संजय यादव, तरुण कनौजिया, मसूर आलम, सद्दाम हुसैन, अशोक तिवारी, दशरथ यादव, अजीत सोंधिया ने वाहनों की कमान सम्हाली।

1 डेमलारी के भरोसे है अग्रिशमन दल
राजेन्द्र पटैल ने बताया कि फायर बिग्रेड को वाटर रिफिल करने के लिए फिलहाल अमले के पास केवल एक ही डेमलारी है। जिसकी क्षमता 12 हजार लीटर है, लेकिन एक के भरोसे अग्रिकांडों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल होता है। अग्रिशमन दल को अभी तकरीबन 4 डेमलारी की आवश्यकता है। इसका प्रमुख कार्य होता है वाटर रिफिल करना। अब एक डेमलारी जब तक एक वाहन में रिफिल करती है, तब तक दूसरा वाहन खड़ा रहता है। जिससे अग्रिकांड को नियंत्रित करने में करीब करीब दोगुना समय लगता है। जिससे जनहानि होने की भी संभावना रहती है।

भोपाल और जबलपुर के अधारताल में है ट्रेनिंग सेंटर
राजेन्द्र पटैल सहायक अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे पास फिलहाल लगभग 75-80 कर्मचारी है, उसमें ठेके और दैनिक वेतनभोगी के अलावा कुछ रेगुलर कर्मी है। जो 6 महिने की ट्रेनिंग के बाद अमले मे ंशामिल किए जाते है। फिलहाल व्यापम के माध्यम से रेगुलर कर्मी शामिल होते है, जिनकी समय -समय पर शासन वेकेंसी निकालता है। फायर मैन को ट्रेनिंग के लिए जबलपुर के अधारताल में ट्रेनिंग सेंटर है तो वहीं भोपाल बस स्टॉप नंबर 6 के पास सेंटर है। जिनसे ट्रेनिंग लिए हुए फायर मैन भर्ती किए जाते है।

12 साल से हंै कर्मियों का टोटा
विभाग ने बताया कि फिलहाल 10-12 साल से विभाग में कर्मचारियों का टोटा है। विभाग मे ंइस समय करीब 30 फायर मैन और 15 वाहन चालक रेगुलर की कमी है। जिसकी जानकारी ननि के स्थापना शाखा को है। इतना ही नहीं शासन को अनेकों बार इस बात से भी अगवत कराया जा चुका है।

ऐंसे बनते है फायर मैन
राजेश जैन फायर मैन ने इस मौके पर यशभारत को बताया कि 6 महिने की कड़ी ट्रेनिंग और कोर्स के बाद फायर मैन का जिम्मा मिलता है। अपनी जान को जोखिम में डालने का हौसला और सूझबूझ के बाद किसी भी अग्रिकांड को नियंत्रित करना, अहम है। जिसमें बिना जान और माल की हानि हुए धधंकती आग को काबू में करना टेड़ी खीर होती है।

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