कटनीमध्य प्रदेश

ये पंच परमेश्वर सुधार सकते हैं कटनी…, पहली बार जिले की कमान लोक सेवा आयोग से निकले पांच अफसरों के हाथ, सौन्दर्यीकरण और ट्रैफिक सुधार के लिए करना होगा बड़ा प्लान

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कटनी, यशभारत। यह पहला मौका है, जब कटनी जिले में लोक सेवा आयोग की परीक्षा से निकले पांच अफसरों की एक साथ तैनाती हुई है, जिसमे तीन आईएएस, एक आईपीएस और एक आईएफएस शामिल है। जिले के मुखिया आशीष तिवारी स्वयं आईएएस हैं और पुलिस कप्तान अभिनय विश्वकर्मा भी आईपीएस है। इसके अलावा नगर निगम और जिला पंचायत की कमान भी आईएएस अफसरों के हाथ आ गई है। वन विभाग मेंं गौरव शर्मा भी इंडियन फॉरेस्ट सर्विस से निकले अधिकारी हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि पांच-पांच आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों की पोस्टिंग के बाद कटनी की दुर्दशा में कुछ सुधार होगा। इन अधिकारियों से कटनी शहर को सुव्यवस्थित बनाने की काफी उम्मीदें है। विदित हो कि कलेक्टर आशीष तिवारी, नगर निगम आयुक्त सुश्री तपस्या परिहार, जिला पंचायत की सीईओ सुश्री सिमरन कौर (आईएएस) और पुलिस कप्तान अभिनय विश्वकर्मा (आईपीएस) हैं। इन अधिकारियों की तैनाती के बाद कटनी जिले के निवासियों में उम्मीद की किरण जागी है।
लोगों का कहना है कि यातायात, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसमे अधिकारी नेताओं के साथ तालमेल बनाकर काम कर सकते हैं, जिससे शहर की व्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिल सकता है।
शहर की मुख्य सडक़ों पर हर घंटे जाम की स्थिति आम बात बन गई है। बीते शनिवार कि दोपहर सुभाष चौक मे लम्बा जाम लग गया। और हैरान कर देती वाली बात तों यह है कि जाम को क्लियर कराने के लिए वहा कोई भी यातायातकर्मी मौजूद नहीं था।सुभाष चौक ही नहीं बल्कि शहर कि मुख्य सडक़ों जैसे जिला अस्पताल मार्ग, बस स्टैंड और गांधी द्वार, सिल्वर टाकीज रोड जैसी व्यस्त सडक़ें लगातार वाहनों की लंबी कतारों से जाम रहती हैं। लोग घंटों धूप, धूल और अफरा-तफरी में फंसते रहते हैं। शहरवासियों का कहना है कि जाम कोई विशेष समय पर नहीं बनता, बल्कि हर घंटे यह समस्या सामने आती है। स्कूल-आफिस समय हो या दोपहर, सडक़ें हमेशा जाम की चपेट में रहती हैं। इससे न सिर्फ आम लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं, बल्कि एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है। जाम की वजह से कई बार एम्बुलेंस और आपातकालीन वाहन भी फंस जाते हैं। इससे मरीजों की जान पर सीधे खतरा पैदा होता है। आम नागरिक अब सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक प्रभारी केवल कुर्सी पर बैठकर जनता की परेशानियों की अनदेखी करेंगे।
शहरवासियों का कहना है कि सडक़ सुरक्षा समिति की बैठकों में जिन मुद्दों को लेकर बात होती है, उस पर अमल नहीं होता। कईयों बार ऐसा देखने को मिला है। जिसका नतीजा है कि पूरा का पूरा शहर किसी कबाडख़ाने से कम नहीं लगता। लोगों का कहना है कि पुलिस, प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को प्लान बनाकर काम करना होगा। हालांकि नगर निगम कमिश्नर तपस्या परिहार ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ट्रेफिक सुधारने को लेकर बात की थी हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। यही वजह है कि शहर की मुख्य सडक़ें लगातार जाम का मंजर दिखाती हैं। शहर की जनता अब सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।

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