युवा मोर्चा प्रदेश पदाधिकारी पर लगा छेड़छाड़ का आरोप शिकायतकर्ता पहुंचे थाने, पुलिस दे रही गोलमोल जवाब

जबलपुर यश भारत। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश स्तर पर पदस्थ एक पदाधिकारी पर महिला के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा है मामला अब थाने तक पहुंच चुका है। जिसमें शिकायतकर्ता खुलकर युवा मोर्चा के पदाधिकारी का नाम ले रहा है। वही पदाधिकारी शहर छोड़ कर कहीं और चला गया है जो सामने नहीं आ रहा। वही पुलिस भी पूरे मामले में फूंक-फूंक कर पैर रख रही है।
मामला है माढ़ोताल थाने का जहां पिछले दिनों एक परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा थाने में लिखित में शिकायत दी गई थी कि उनके पड़ोस में एक व्यक्ति रहता है जो खुद को भाजपा युवा मोर्चा का बड़ा पदाधिकारी बताता है वह उनकी बहू के साथ अभद्र हरकतें व छेड़छाड़ करता है। जिसको लेकर उसे कई बार समझाया भी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि मामला सत्तापक्ष से जुड़े राजनीतिक संगठन का है ऐसे में पुलिस छेड़छाड़ की शिकायत की बात तो स्वीकार कर रही है लेकिन पदाधिकारी का नाम लेने से बच रही है। जिसे वह जांच में होने की बात कहकर किनारा कर रही है।
दूसरे जिले का निवासी है पदाधिकारी
सूत्रों की माने तो उक्त पदाधिकारी जबलपुर का नहीं है वह जबलपुर से सटे हुए एक पड़ोसी जिले का मूलतः रहवासी है । लेकिन वह पिछले लंबे समय से माढ़ोताल थाना अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में रह रहा है और उसके साथ उसके अन्य मित्र भी रहते हैं। छेड़छाड़ की घटना सामने आने के बाद कुछ महिलाओं के साथ उक्त व्यक्ति की बहस और छीना झपटी यह भी जानकारी सामने आ रही है जिसके बाद उक्त व्यक्ति मौके से गायब हो गया और अब थाने बुलाए जाने पर गोलमोल जवाब दे रहा है।
विद्यार्थी परिषद के बाद मोर्चे में एंट्री
उक्त युवा मोर्चा पदाधिकारी पहले विद्यार्थी परिषद की राजनीति किया करता था जो दूसरे राज्य में रहकर भी प्रभारी की भूमिका निभा चुका है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में जिस रास्ते से विद्यार्थी परिषद के लोगों को एंट्री मिली है उसी रास्ते से होते हुए उक्त व्यक्ति को मोर्चे में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता द्वारा स्पष्ट रूप से उक्त व्यक्ति का नाम और मोर्चे में पदाधिकारी होना बताया जा रहा है। वही आरोपी व्यक्ति स्पष्ट रूप से कोई भी जानकारी देने से इंकार कर रहा हैं। वहीं पुलिस भी पूरे मामले में पर्दा डाल कर रखी हुई है।
पहला मामला नहीं है
युवा मोर्चा और विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे लोगों पर इस तरह के आरोप लगने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले विद्यार्थी परिषद के बड़े नाम रहे उपेंद्र धाकड़ और फिर उसके बाद शुभांग गोटिया पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ दुर्व्यवहार और धोखेबाजी जैसे गंभीर मामलों के आरोप लग चुके हैं। जिसमें उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। अब उसके बाद फिर एक बड़े नेता का नाम इस तरह के मामले में सामने आ रहा है। यदि मामला सही साबित होता है तो भाजपा को ऐसे पदाधिकारियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए जो उसकी सभी पर गंभीर दाग लगा रहे हैं।