
जबलपुर, यशभारत। कोरोना संक्रमण की समीक्षा करने जबलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिटी अस्पताल के संचालक की संलिप्ता नकली इंजेक्शन मामले में और आॅक्सीजन की कमी के कारण गलैक्सी अस्पताल में हुई मौतों को लेकर नाराजगी दिखाई। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि आपदा में अवसर ढूढ़ने वाले गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली इंजेक्शन बनाकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए समस्त कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। मालूम हो कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा सहित तीन पर मामला दर्ज हुआ है।
जानवर कहना भी अपमान है
सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों ऐसे लोग नर पशु ,जानवर कहना जानवर का अपमान है। कुछ भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी। वैसे भी प्रदेश में निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे लोगों की संपत्ति राजसात की जाए।
बिना लाव लश्कर के पहुंचे सीएम
कोरोना के बिगड़े हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद जबलपुर की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। कोविड संक्रमण के लिहाज से पहली बार मुख्यमंत्री बिना लाव लश्कर के बैठक करने कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने भोपाल से ही ट्ववीटर के माध्यम से संदेश देकर बता दिया कि उन्हें जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य कोई मिलने न पहुंचे। यहां तक की एयरपोर्ट पर स्वागत करने भी न आए। मुख्यमंत्री के संदेश पर प्रशासनिक अमले के अलावा जनप्रतिनिधि भी सीधे बैठक स्थल पर ही पहुंचे।
मोखा को विश्व हिंदू परिषद ने किया पद मुक्त
विश्व हिंदू परिषद ने निजी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा को संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है। उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने यह निर्णय किया है। प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली कि सरबजीत सिंह मोखा का नाम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेनेदेन को लेकर नाम सामने आया है। जिसके बाद लोगों में उसके खिलाफ भारी आक्रोश बना हुआ है। इंटरनेट मीडिया में लोग अपनी प्रतिक्रिया तक जाहिर कर रहे हैं। प्रांत मंत्री राजेश तिवारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से बैठक नहीं हो रही है। ऐसे में संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूरे प्रकरण को लेकर विचार विमर्श किया गया था। जिसके आधार पर ही निर्णय लिया गया है कि मोखा को सभी दायित्व से मुक्त किया जाए। उनके अनुसार सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा जिला के अध्यक्ष थे।