मोबाइल नंबर से ठगी : 10 लाख रुपए लोन लेने वेबसाइट में मिले नंबर पर किया संपर्क, जालसाज ने बैंक अधिकारी बताकर 1 लाख 57 हजार वसूले

शातिर जालसाज ने भोपाल के मार्बल व्यापारी को मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए लोन दिलाने का झांसा देकर 1 लाख 57 हजार रुपए ठग लिए। व्यापारी को ठगी का अहसास होने के बाद पिपलानी थाने में मामला दर्ज किया है। व्यापारी ने लोन के लिए SBI की वेबसाइट में फीड मोबाइल नंबर से संपर्क किया था। फिलहाल, आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पिपलानी पुलिस के मुताबिक, टॉप रेसीडेंसी मित्तल कलेज के सामने करोंद निवासी बालमुकुंद वैष्णव मार्बल टाइल्स का कारोबार करते हैं। गायत्री नगर निजामुद्दीन कॉलोनी करोंद में उनकी संगम मार्बल नाम से उनकी दुकान है। उन्होंने मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए का लोन लेना था। इसके लिए उन्होंने लोन की प्रक्रिया जानने के लिए एसबीआई की वेबसाइट में मिले मोबाइल नंबर 18002087009 पर काल किया। इसके बाद उनके पास 8100020389 से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को SBI का लोन अधिकारी बताकर उनसे लोन के लिए दस्तावेज मांगे।
इसके बाद जालसाज ने बताया कि लोन सेंसन हो गया है। अब प्रोसेसिंग फीस भरनी होगी। उसने तमाम चार्ज के 1 लाख 57 हजार रुपए अपने बैंक खाते में व्यापारी से जमा कर लिए। बाद में वह एक लाख रुपए फिर मांगने लगा। इस पर व्यापारी को ठगी का अहसास हुआ। इसकी शिकायत उन्होंने तुरंत ही पिपलानी थाने में दर्ज कराई। व्यापारी को आशंका है कि SBI की वेबसाइट में डला नंबर सही हो सकता है, लेकिन जालसाज को मेरी जानकारी उक्त नंबर वाले ही ने दी होगी।
सूबेदार से 8 लाख रुपए की ठगी
सेना के नायब सूबेदार को जालसाज ने मोबाइल टॉवर लगवाने का झांसा देकर करीब 8 लाख रुपए ठग लिए। कोहेफिजा पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक संजय मिश्रा मूलत: पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, वहां उनकी पैतृक संपत्ति है। वे सेना में नायब सूबेदार के पद पर पदस्थ हैं। वर्तमान में द्रोणांचल में तैनात हैं। जनवरी 2019 में उनके पास एक जालसाज ने फोन किया कि आपके जमीन पर एक निजी मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाना है।
इसके लिए आपको 60 हजार रुपए महीने के करीब किराया मिलेगा। जमीन भी आपकी बनी रहेगी। जालसाज के झांसे में आए फरियादी ने हामी भर दी। इसके बाद जालसाज ने उन्हें दस्तावेज तैयार कराने समेत अन्य काम के बहाने करीब 7 लाख 90 हजार रुपए ठग लिए। रकम मिलने के बाद जालसाज ने फोन रिसीव करना बंद कर दिया। यह पूरा लेनदेन जनवरी 2019 से अप्रैल 2019 के बीच हुआ।