मोटी कमाई के लिए नई बस्ती मेें संचालित हो रहा पैरामेडिकल कॉलेज, ग्लोरियस कालेज ऑफ पैरामेडिकल का मामला, कलेक्टर से शिकायत

कटनी, यशभारत। जिले में पिछले एक अरसे से नियमों को ताक पर रखकर पैरामेडिकल कॉलेज के संचालन का मामला सामने आया है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को दी गई शिकायतों में कहा गया है कि ऐसे कॉलेजों के पास न तो राज्य सरकार से विधिवत अनुमति है और न ही मान्यता और संबद्धता। सालों पहले ली गई मान्यता और संबद्धता के आधार पर कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है, जबकि अब नए नियम लागू हो गए हैं। इसके बाद भी नियमविरूद्ध तरीके से पैरामेडिकल कॉलेज का संचालन करते हुए मोटी कमाई की जा रही है। नियमों की बात करें तो ऐसे कॉलेजों के पास न तो खुद का भवन है और न ही छात्रों को प्रशिक्षित किए जाने के लिए आवश्यक संसाधन और पर्याप्त स्टाफ। इसके बाद भी खुलेआम छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह मामला तब सामने आया है, जब इंडियन स्टूडेंट यूनियन ने नई बस्ती में सिंधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संचालित ग्लोरियस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल की लिखित शिकायत कलेक्टर दिलीप यादव से करते हुए कॉलेज को बंद कराकर छात्रों का भविष्य बरबाद होने से बचाने की गुहार लगाई। यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रिंस पटेल ने शिकायत में कहा कि ग्लोरियस कालेज ऑफ पैरामेडिकल कालेज की मान्यता नहीं होने के बावजूद कालेज में नियम विरूद्ध तरीके से नए छात्रों का एडमीशन वर्ष 2024-2025 के लिए किया जा रहा है। शिकायत में कहा गया है कि कालेज द्वारा मान्यता नहीं होने के बाद भी छात्रों से अवैध रूप से फीस वसूल की जा रही है। कालेज की फीस व नए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके पहले वर्ष 2021-2022 में जिन छात्रों से फीस लेकर एडमीशन किया गया था, उन छात्रों की वार्षिक परीक्षा आज तक नहीं ली गई है, जिससे उनका भविष्य खराब हो गया है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि हड़पने के उद्देश्य से कालेज का संचलन किया जा रहा है। यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रिंस पटेल ने ग्लोरियस कालेज पैरामेडिकल की जांच करते हुये छात्रों के हित में कालेज को बंद कराया जाए।
कागजी खानापूर्ति, आवश्यक उपकरण तक नहीं
शिकायतों में यह भी कहा गया है कि जिले में नियमों को ताक पर रखकर पैरामेडिकल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। वास्तव में ऐसे कॉलेजों के पास आधारभूत संरचना, आवश्यक उपकरण तथा फैक्टरी तक नहीं हैं। अयोग्य फैकल्टी व उपकरण के अभाव में छात्रों को पैरामेडिकल कोर्स करवाया जा रहा है। ऐसी शिक्षा उनके भविष्य तथा अन्य व्यक्ति की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
कार्रवाई होगी : एसडीएम
एसडीएम कटनी प्रदीप मिश्रा ने यशभारत से बातचीत में कहा कि ग्लोरियस कालेज ऑफ पैरामेडिकल में मान्यता नहीं होने के बावजूद छात्रों का एडमीशन और फीस वसूलने का मामला गंभीर है। शिकायतों की जांच कराई जाएगी और यदि कॉलेज में नियमों की अव्हेलना की गई है तो विधिवत कार्रवाई की जाएगी।