मेयर प्रीति सूरी ने सदन में रखी अपनी बात, निगम अध्यक्ष से कहा – घंटाघर सड़क के चौड़ीकरण की कार्यवाही का श्रेय आपको भी देती हूं….पढ़िए मेयर ने क्या कहा…अभी चल रही है सदन की बैठक

कटनी। दो दिन के अवकाश के बाद आज 12 बजे फिर शुरू हुई नगर निगम परिषद की बैठक में घंटाघर सड़क के मुद्दे पर बातचीत शुरू हुई। बैठक में विधायक संदीप जायसवाल भी मौजूद हैं। पार्षदों के सवाल और एमआईसी सदस्यों के जवाब के बीच महापौर श्रीमती प्रीति सूरी ने इस ज्वलंत विषय पर सदन में बोलना शुरू किया।
मेयर ने अध्यक्ष की आसंदी की ओर अपनी बात केंद्रित करते हुए कहा कि मुझे कुछ बातों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए लेकिन अगर कोई शहर विकास में कंधे से कंधा मिलाकर काम करता है तो उसका भी जिक्र ज़रूरी हो जाता है। प्रीति सूरी ने कहा जब महापौर पद का दायित्व मुझे मिला था तब उस वक्त कोई संगठन मेरे साथ नहीं था, परन्तु शहर की जिम्मेदारी सम्हालने के बाद मेरो प्राथमिकता जगन्नाथ चौक से घंटाघर की सड़क चौडीकरण के कार्य को पूर्ण करना रही। दायित्व सम्हालने के बाद जब नगर निगम के अध्यक्ष का चुनाव हुआ, तब इस सदन के समस्त पार्षदगणों ने आप पर अपना विश्वास जताया। महापौर ने आसंदी के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि अध्यक्ष निर्वाचित होते ही जब मैंने आपको शुभकामनाएं दी तब इस सड़क के विषय पर भी आपसे चर्चा की थी। तब आपने मुझे ऐसे शब्द कहे थे जो उस समय मुझे सबसे जयादा ज़रूरी थे और मेरा संबल बने। आपने कहा था महापौर जी घंटाघर सड़क के चौडीकरण का सपना अब आपका बस नहीं है अब ये सपना मेरा भी है। सकारात्मक कार्यों में मिलकर काम करेंगे शहर हित के लिए। परिणामस्वरूप आज आपकी मेरी और पूरे सदन की मेहनत का नतीजा है कि हम सड़क के चौडीकरण के अंतिम चरण में पहुँच चुके हैं। एस.डी.एम. द्वारा टीम गठन की कार्यवाही भी पूरी कर ली गई है। इस पूरी प्रक्रिया में हम सबको आपका विशेष सहयोग प्राप्त होता रहा है। इसके लिए आपको हृदय से धन्यवाद करना चाहूंगी। आपने एक बात और कही थी मुझे आज भी याद है कि इस सड़क चौडीकरण का निर्माण 2022 के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और इस कार्यकाल में ही होगा, ये आपका वचन था और देखिये आज उस सड़क के चौडीकरण के लिए जनता को हम स्थायी समाधान देने के स्तर पर आ चुके हैं। इसका श्रेय आपको भी देती हूँ। चूँकि सड़क चौडीकरण की स्वीकृति तो पहले ही पास की जा चुकी है परन्तु आज इस अंतिम दौर के पश्चात आपके माध्यम से इस सदन से सर्वसम्मति से निर्णय पारित करने का निवेदन करती हूँ क्योंकि हम जनप्रतिनिधि जनता को स्थायी समाधान देने के लिए हैं न कि अस्थायी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की बैठक में समय अधिक होने के कारण तीन प्रस्तावों पर चर्चा करने का निर्णय अगली कार्य दिवस में लिया गया था। दो दिनों के अवकाश आज फिर से यह बैठक हो रही हैं। शहर के वशिन्दों की निगाहें आज की बैठक में टिकी हुई है। क्या आज की बैठक में शहर के लिए नासूर बन चुकी जगन्नाथ चौक-घंटाघर सड़क पर कुछ पॉजीटिव फैसला होगा। पिछले कई वर्षों से इस मार्ग के निर्माण को लेकर जो पहल की गई, वह अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सड़क के बारे में अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर क्या निर्णय लेते हैं जिससे कि कई दशकों की समस्या से लोगों को निजात मिल सके। इसके अलावा अन्य तीन प्रस्तावों पर भी चर्चा होनी है उनमें पहला प्रस्ताव जैव विविधता प्रबंधन समिति गठन के संबंध में है। इसकी तैयारी अधिकारियों ने पूरी कर ली है इसलिए इस पर आसानी से चर्चा हो जाएगी। दूसरे प्रस्ताव में जगन्नाथ चौक से घंटाघर तक सड़क चौड़ीकरण का है जिसे लेकर उहापोह की स्थिति निर्मित हो सकती है। तीसरा प्रस्ताव कलेक्ट्रेट के सामने नवनिर्मित कॉम्प्लेक्स में दुकान हॉल की नीलामी के संबंध में है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद घंटाघर की 12 मीटर की सड़क के लिए नगर निगम चौड़ीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ा चुका है। जिन भवन भू स्वामियों के पक्के निर्माण 12 मीटर के दायरे में आयेंगे, उन्हें तोड़े जाने की कार्यवाही का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। प्राइवेट लैंड वालों को मुआवजा और निर्माण ध्वस्त करने के नुकसान की भरपाई के तौर पर राशि मिलेगी, जबकि जो भवन नजूल की भूमि पर बने हैं उन्हें केवल निर्माण तोड़े जाने का पैसा मिलना है। एसडीएम की अगुवाई में टीम गठित भी हुई और इस टीम ने सर्वे भी किया। कुछ लोग हाईकोर्ट भी गए। इन तमाम प्रक्रियाओं के बीच नगर निगम परिषद की बैठक में 2 करोड़ 26 हजार मुआवजे का तथा 50 लाख रुपए सड़क निर्माण की अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के प्रस्ताव आने हैं। अब देखने लायक होगा कि परिषद इन प्रस्तावों पर क्या निर्णय लेती है। नगर निगम की इस प्रक्रिया के बीच सड़क में एक परत डामरीकरण के आदेश भी हो चुके हैं। ठेकेदार की नगर निगम आयुक्त की ओर से पत्र भी जारी कर दिया गया है कि वे निर्माण शुरू करें, क्योंकि यह आदेश नगरीय प्रशासन मंत्री के निर्देश पर जारी हुआ है। कुल मिलाकर सवाल इस बात का है कि परिषद का हिस्सा बने पार्षद इन फैसलों को किस रूप में लेते हैं। अलग अलग बातचीत में कुछ का मत है कि इस मार्ग के निर्माण में जब इतना विलंब हो ही चुका है, तो थोड़ा और सही, पर काम पक्का होना चाहिए और चौड़ीकरण के साथ होना चाहिए, ताकि बार बार निर्माण की झंझट न रहे। उधर कुछ पार्षदों का यह कहना था कि डामरीकरण से तात्कालिक राहत तो मिल ही जाएगी, चौड़ीकरण बाद में होता रहेगा। कुल मिलाकर इस मुद्दे पर पार्षदों का रुख देखने लायक है।
