मेडिकल में नर्स-उप अधीक्षक विवाद: अधीक्षक के इस्तीफे के कई मायने
कर्मचारी संघों ने कहा बेवजह ही तूल दिया गया, राजनीति का शिकार हुए अधीक्षक

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में नर्स और उप अधीक्षक के विवाद का पटाक्षेप भले ही हो गया है लेकिन अधीक्षक डॉक्टर अरविंद शर्मा के इस्तीफे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इधर कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी भी अधीक्षक इस्तीफें को लेकर नाराज दिख रहे हैं। उनका मानना है कि राजनीति के तहत अधीक्षक को इस मामले में घसीटा गया है और ये सब कुछ पहले से प्लान था, अधीक्षक को इतना मजबूर कर दिया गया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
नहीं मालूम क्यों इस्तीफा दिया
इस संबंध में मेडिकल डीन डॉक्टर गीता गुईन ने बताया कि किस वजह से अधीक्षक ने इस्तीफा दिया है इस बारे में जानकारी नहीं है। नर्स और उप अधीक्षक के बीच जो विवाद चल रहा था उसको लेकर जांच कराई जा रही थी और इस संबंध में ज्यादा जानकारी खुद अधीक्षक डॉक्टर शर्मा देंगे।
राजनीति नहीं होना चाहिए मेडिकल में
मेडिकल लघु वेतन कर्मचारी संघ के अजय दुबे, वीरेंद्र तिवारी का कहना है कि नर्सों और उप अधीक्षक का विवाद जो भी था लेकिन इस प्रकरण में राजनीति नहीं होना चाहिए, इससे मेडिकल स्टाफ और मरीजों का नुकसान हो। कर्मचारी संगठन यही मांग करता है कि ऐसे मामलों पर उच्चाधिकारियों को स्वत: संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करना चाहिए।
उप अधीक्षक से नाराज नर्सें हड़ताल पर गईं
23 अगस्त को मेट्रन के साथ उप अधीक्षक पर बदतमीजी करने का आरोप लगा था। नर्स एसोसिएशन का कहना है कि मेट्रन उप अधीक्षक से किसी काम के सिलसिले में बात कर रही थी। उप अधीक्षक ने उनको अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपने कमरे से बाहर भगा दिया। हड़ताल से पहले 7 दिनों तक नर्स एसोसिएशन ने मेडिकल प्रबंधन से कई बार बातचीत करने की कोशिश की। दो बार प्रशासन और मेडिकल प्रबंधन को इस बारे में पत्र भी लिखा लेकिन मेडिकल प्रबंधन की ओर से किसी तरह की बातचीत की गई। इससे नाराज नर्स काम बंद हड़ताल पर चली गई थीं। संभागायुक्त बी चंद्रशेखर तक मामला पहुंचने पर उन्होंने नर्सिंग प्रभारी बदलने निर्देशित किया। इसके बाद सहायक अधीक्षक गढ़वाल को नर्सिंग प्रभारी बना दिया गया। इसके बाद अधीक्षक डॉक्टर अरविंद शर्मा ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। इस निर्णय के बाद शाम को नर्सो ने हड़ताल समाप्त कर दी।