मासूम से दुष्कर्म कर दबाया गला, दुपट्टा पेड़ में बांधकर लगा दी फांसी :सनसनीखेज मामले में न्यायालय ने सुनाई सजा

मंडला, यश भारतl मासूम से दुष्कर्म कर हत्या कर देने के सनसनीखेज मामले में माननीय न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैl निवास मीडिया प्रभारी अभियोजन जिला मण्डला द्वारा जानकारी दी गई कि अपर सत्र न्यायालय निवास ने नाबालिग पीड़िता से बलात्कार कर हत्या करने के मामले की सुनवाई करते हुए यह ऐतिहासिक फैसला दिया जिसमें आरोपी को शेष जीवन तक समाज की मुख्य धारा से दूर रखे जाने (आजीवन कारावास) का निर्णय एवं 40000.अर्थदंड सुनाया।
यह है मामला
अभियोक्त्री के पिता ने थाना टिकरिया में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराया कि इसकी लड़की 13 वर्ष 11 माह की है, रोजाना की तरह सुबह 10.00 बजे हाई स्कूल मझगाव गई थी जो शाम तक घर वापस नहीं आई है। जिसकी आसपास तलाश करने पर कोई जानकारी नहीं मिली। विवेचना के दौरान मृतिका की सहेली एवं अन्य साक्षियों के कथनों के आधार पर संदेही अनिल मार्को से पूछताछ किया। जिसमें आरोपी ने बताया कि स्कूल से छुट्टी के बाद मृतिका और उसकी सहेली को स्कूल से घर छोड़ने का कहकर अपनी मोटर साईकिल में बिठाया और सहेली को उसके घर छोड़कर मृतिका को यहां वहां घुमाने के बाद उसे कोयली पहाड़ी के जंगल ग्राम बरबसपुर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया और जब मृतिका उक्त बात घर में बताने के लिए कहने लगी तब आरोपी ने अपने दोनों हाथों से उसका गला दबाया और जब यह नहीं मरी तो उसी के दुपटटे से गला घोंटकर मार दिया।
विवेचना उपरांत चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय में आई साक्ष्य के दौरान साक्ष्यों पर विचार करते हुए विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश श्री मनोज कुमार लडिया द्वारा आरोपी को धारा 363, 366 भादवि में 10-10 वर्ष, 376 (क), 376(2) (ड), 376(3) भादंवि में शेष जीवन के लिए आजीवन कारावास, 384 भादंवि में 10 वर्ष, 302 भादवि में आजीवन कारावास. 201 भादंवि में 07 वर्ष, धारा 5 (आई) सहपठित धारा 6 पॉक्सो में आजीवन कारावास एवं सभी धाराओं में 5000.00-5000.00 कुल 40000.00 रु० अर्थदंड से दडित किया गया। मामले में शासन की ओर से अभियोजन संचालन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी निवास, श्रीमती उज्जवला उईके द्वारा की गई। मामला जघन्य सनसनीखेज एवं चिन्हित श्रेणी का था।
माननीय न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक चरित्र नहीं बताया गया है अतः यह माना जाएगा कि यह आरोपी का प्रथम अपराध है। परन्तु आरोपी ने एक 13 वर्षीय विद्यालय में पढ़ने वाली बालिका को घर छोड़ने के बहाने ले जाकर उसके साथ वीभत्सतापूर्वक दुष्कर्म किया है जिससे उसके प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गये हैं और उसके पश्चात् क्रूरतम तरीके से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कारित की गयी है। यदि अभियुक्त के प्रति उदारता बरती गयी तो सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा, समानता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी कल्याणकारी योजनायें प्रभावित होंगी और अभिभावकों के मन में अपनी बच्चियों के प्रति असुरक्षा की भावना पैदा होगी।