जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

महादेव पहलवान में वास्तव में अंधा है क्या?: काले चश्मे के अंदर छुपा पूरा राज

पुलिस कराएगी मेडिकल टेस्ट, पुराने अपराधों की फिर खुलेगी फाइल

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जबलपुर, यशभारत। महादेव पहलवान मतलब सूदखोरी और जमीन पर कब्जों का बेताज बादशाह। अपराध की दुनिया में एक अलग मुकाम बना चुके महादेव पहलवान ने अपने अंधेपन का जमकर फायदा उठाया। दत्तक पुत्र रेपिस्ट के गिरफ्तार होने के बाद महादेव की सलतनत उस समय मिट्टी में मिल गई जब पुलिस ने घर में घुसकर उसे गिरफ्तार किया और उसका जुलूस निकाला। महादेव के गिरफ्तार होते ही उसके अंधेपन को लेकर चर्चाएं हो रही है, कहा जा रहा है कि वास्तव में महादेव अंधा है कि या अंधा बनने का नाटक कर रहा है। पुलिस महादेव पहलवान का मेडिकल टेस्ट कराएगी जिसमें स्पष्ट होगा कि पहलवान अंधा है की नहीं।

अंधेपन को बनाया हथियार, जुर्म की दुनिया में बन गया बड़ा नाम
महादेव पहलवान ने अंधेपन को अपना हथियार बना लिया। वह ब्याज पर पैसे चलाने लगा। 10 से 30 प्रतिशत ब्याज पर वह पैसे देने लगा। इसकी वसूली के लिए उसने लड़के रखने शुरू किए। जल्द ही उसने 150 से लड़कों की टोली बना ली। ये सभी लड़के उसके इशारे पर ब्याज की रकम वसूलने का काम करते हैं। अधिकतर लोगों को वह ब्याज पर पैसे प्रॉपर्टी को गिरवी पर रखवा कर देता है।

तेजाब के हमले से चली गई थी आंखें
राजा रसगुल्ला के सामने ही अखाड़ा है। जवानी के दिनों में महादेव वहां पहलवानी करता था। इस कारण उसकी एक पहचान महादेव पहलवान के रूप में बन गई। शरीर से बलिष्ट था, इस कारण लोग डरते थे। उस समय जबलपुर की पहचान तेजाब नगरी के रूप में हुआ करती थी। महादेव का 40 साल पहले तमरहाई चौक थाना कोतवाली में कमलेश रैकवार निवासी झरईया कुंआ से विवाद हुआ। कमलेश रैकवार ने महादेव पर तेजाब फेंक दिया। घटना में उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी।

पैसों से लेकर व्यक्तियों की पहचान अच्छी तरह से कर लेता है
जानकार बताते हैं कि महादेव पहलवान वास्तव में अंधा है कि नहीं यह जांच का विषय है लेकिन महादेव पैसों से लेकर व्यक्ति तक की पहचान काले चश्में के अंदर बेखूबी कर लेता है। बताया जा रहा है कि कौन कितने पैसे देता है महादेव हाथ में लेते ही बता देता है। उसका नाम कई हत्याओं में भी साजिश रचने में आया, लेकिन अपने अंधेपन के चलते वह हर बार बच निकला। 2008 में संजू दाहिया हत्याकांड में भी नाम सामने आया था। 2008 में ही कई पीडि़त लोगों ने ब्याज पर लिए गए पैसों के एवज में उस पर मकान-दुकान कब्जाने की शिकायत कोतवाली सहित एसपी आफिस में की थी। क्षेत्र में दबदबे के कारण सीधे लोग इसका नाम लेने से बचते हैं।

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