महाकुंभ में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण महायज्ञ शुरू, डॉ अनिल त्रिपाठी ने किया श्री गणेश, पार्थिव पूजन, कटनी से बड़ी संख्या में रवाना हुए शिष्य

कटनी, यशभारत। ब्रह्मलीन गृहस्थ संत पूज्य दद्दा जी की असीम कृपा आशीष की छावं तले पुण्य सलिला माँ गंगा त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित महाकुंभ के अवसर पर विश्व कल्याण हितार्थ दद्दा शिष्य मंडल भारत वर्ष द्वारा डॉ अनिल त्रिपाठी बड़े भैया के सानिध्य में 136 वाँ सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण महारुद्राभिषेक , श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ, गंगा तीरे गंगेश्वर मंदिर के समीप गंगेश्वर सलोरी मार्ग, सेक्टर 9 पर लगे दददा शिष्य मंडल के विशाल पंडाल में आयोजित हैं।
जानकारी देते हुए शिष्य मंडल के डॉ सुनील त्रिपाठी, ने बताया की पूज्य गुरुदेव की पुण्य स्मृति में महायज्ञ का आयोजन 24 जनवरी से 30 जनवरी तक आयोजित हैं। बाबा भोलेनाथ के पार्थिव शिवलिंग निर्माण के पूर्व आज यज्ञ स्थल पर संपूर्ण तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए स्वरूप निर्माण हेतु विघ्नहर्ता श्री गणेशजी के साथ पवित्र मिट्टी का पूजन बड़े भैया द्वारा किया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में देश भर से पहुँचे गुरु परिवार की उपस्थिति रही। आज संध्या बेला में पार्थिव शिवलिंग निर्माण के प्रथम चरण में गोली का निर्माण होगा, यही गोली स्वरूप मिट्टी कल प्रातः यज्ञ में शामिल हो रहे भक्तों को वितरित कि जायेगी। औऱ यज्ञ प्रारंभ हो जाएगा। दोपहर 12 बजे अभिषेक औऱ शाम 4 बजे से व्यास पीठ से बड़े भैया के श्री मुख से श्रीमद्भागवत गीता प्रवचन होंगे। इस दौरान भक्तों को पूजन सामग्री निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
जानकारी देते हुए छोटे भैया नीरज त्रिपाठी ने बताया यज्ञ स्थल में नितप्रति सामुहिक हवन पूजन के साथ अन्य धामिर्क अनुष्ठान, 18 पुराणों का वाचन, महामृत्युंजय जाप ,राधे राधे मंडल द्वारा संकीर्तन, भजन व अन्य संस्कृति कार्यक्रम भी आयोजित है।भक्त मण्डली के लिए बरिष्ठ गुरुभाई सतीश राय की देख रेख में भोजन प्रसादी की व्यवस्थाएं की गई।
साथ ही यज्ञ स्थल में भक्त मंडली के ठहरने ,विश्राम इत्यादि की व्यवस्थाएं भी दद्दा शिष्य मंडल द्वारा की गई हैं।
सेक्टर 9 गंगेश्वर मंदिर के समीप उमड़ा आस्था का सैलाब
गौरतलब है की आस्था के इस महाआयोजन ने देश भर से , खासकर बुंदेलखंड, बघेलखण्ड, महाकौशल से दददा जी के शिष्य बड़ी संख्या में परिवार सहित कार्यक्रम स्थल पहुँच रहे है।जिनके लिए सर्व सुविधा युक्त प्राकृतिक झोपड़ी (टेंट) की व्यवस्थाएं की गई है।
