मलियाना कांड: मेरठ दंगा पीड़ितों को मुआवजे की मांग को लेकर याचिका, सरकार से जवाब तलब

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 1987 मेरठ दंगा (1987 Meerut Riots) पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मलियाना कांड के नाम से विख्यात इस दंगे में विशेष समुदाय के लोगों की पीएसी पर हत्या करने का आरोप है. याचिका की अगली सुनवाई 24 मई को होगी। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और जस्टिस प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने पत्रकार कुर्बान अली की जनहित याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका का प्रस्तर वार जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याची का कहना है कि 22 मई 1987 को दो समुदायों के बीच दंगा हुआ. नियंत्रण के लिए पीएसी लगायी गयी. 23 मई को मलियाना गाव मे पीएसी ने बर्बर लाठी चार्ज किया. विशेष समुदाय को टार्गेट कर कार्यवाई की गयी. इसमें जानमाल का भारी नुकसान हुआ. 72 लोगों के मारे जाने का आरोप है. 32साल से आपराधिक मुकद्दमा अपर सत्र न्यायालय मे विचाराधीन है.
आधे से ज्यादा आरोपियों की हो चुकी है मौत
याचिकाकर्ता का कहना है की कोर्ट के रिकार्ड गायब हो गए है. यहां तक कि एफआईआर भी नहीं मिल रही. 32 पुराने इस मामले में अभी तक आधे से अधिक आरोपी मर चुके हैं. याचिका में कहा गया है कि दशकों पहले इस मामले में 7 लोगों की गवाही हो चुकी है. लेकिन कोर्ट रिकार्ड ही पूरा नहीं है. पूरे मामले में सैकड़ों बार सुनवाई स्थगित करायी गयी है. अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. अब याचिका पर अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी.