दमोह/हटा| नवरात्रि के पावन पर्व पर, जिसे कन्या पूजन और मां दुर्गा के स्वरूप के रूप में कन्याओं के सम्मान के लिए जाना जाता है, हटा थाना क्षेत्र से एक हृदय विदारक और फिर एक सुकून देने वाली खबर सामने आई है। कुटरी गांव के पास, कुटरी पिपरिया के बीचोंबीच बने तालाब के पास झाड़ियों में एक नवजात बच्ची को फेंक दिया गया था।
यह घटना देर रात की बताई जा रही है। सुबह के समय पिपरिया गांव के किसान रघुनाथ सिंह लोधी अपने खेत की ओर जा रहे थे। तभी रास्ते में झाड़ियों के बीच से एक बच्चे के रोने की आवाज आई। आवाज सुनकर रघुनाथ झाड़ियों के पास पहुंचे तो उन्हें वहां एक नवजात बच्ची मिली। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना गांव के सरपंच रामकुमार मिश्रा को दी। सूचना मिलते ही सरपंच रामकुमार मिश्रा सहित गांव के कई लोग मौके पर पहुंचे।
सरपंच ने फौरन हटा पुलिस को खबर की। डायल 100 गाड़ी मौके पर पहुंची। प्रधान आरक्षक प्रदीप जोशी और आरक्षक अरविंद सिंह राजपूत ने बच्ची को झाड़ियों से सुरक्षित बाहर निकाला और उसे तुरंत उप स्वास्थ्य केंद्र भटिया पहुंचाया।
स्वस्थ बच्ची को मिला नया घर
उप स्वास्थ्य केंद्र भटिया में पदस्थ एएनएम सुनीता लोधी ने तुरंत बच्ची का उपचार शुरू किया। जांच के बाद बच्ची को पूर्ण रूप से स्वस्थ बताया गया।
इस बीच, बच्ची के मिलने की जानकारी जैसे ही हटा कस्बे में फैली, हटा निवासी गोलू मिश्रा और उनकी पत्नी श्रीमती सुषमा मिश्रा तुरंत उप स्वास्थ्य केंद्र भटिया पहुंचे। उन्होंने बच्ची को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की।
अस्पताल में मौजूद प्रधान आरक्षक प्रदीप जोशी, आरक्षक अरविंद राजपूत, कुटरी सरपंच रामकुमार मिश्रा, एएनएम सुनीता लोधी और ग्रामीणों की उपस्थिति में सुषमा और गोलू मिश्रा ने बच्ची को गोद लेने की बात रखी। पुलिस ने आवश्यक पंचनामा तैयार करने के बाद बच्ची को गोलू मिश्रा और सुषमा मिश्रा को सुपुर्द कर दिया।
फिलहाल बच्ची को उचित उपचार और देखभाल के लिए 108 वाहन से जिला चिकित्सालय भेजा गया है।
*ममता पर सवा, स्वास्थ्य केंद्र पर ताला
एक तरफ जहां एक दंपति ने बच्ची को गोद लेकर मानवता की मिसाल पेश की है, वहीं दूसरी ओर, नवरात्रि में ‘मां दुर्गा के स्वरूप’ मानी जाने वाली नवजात कन्या को इस तरह झाड़ियों में फेंकने वाली निर्मम मां की ममता पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इस निष्ठुर कृत्य को अंजाम देने वाली मां की पहचान करने का प्रयास करेगी।
इस घटना के दौरान, एक और लापरवाही सामने आई। कुटरी स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सीएचओ सुनील पटेल को भी सूचना दी गई थी, लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ पाया गया, जिस पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी व्यक्त की।
बहरहाल, पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर किस मां ने कन्या पूजन के पर्व पर अपनी बच्ची को इस तरह मरने के लिए छोड़ दिया था।