
सीएम शिवराज ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करता है कि बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाएं।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में सदन के नेता सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करता है कि बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम हर संभव कोशिश करेंगे कि बिना ओबीसी के चुनाव ना हो इसके लिए सभी प्रक्रिया कर रहे हैं।विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। सुबह 11 बजे सदन में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने पंचायत चुनाव का मुद्दा उठाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है। एक तरफ पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, दूसरी ओर कोर्ट में जाने की बात कही जा रही है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम चाहते हैं चुनाव को तत्काल रोका जाए।
आसंदी के सामने आकर नारेबाजी
इसके जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि हमने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है। आज अर्जेंट हेयरिंग को लेकर कोर्ट से आग्रह कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के विधायक उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस यहां पर घडय़िाली आंसू बहा रही है प्रतिदिन प्रश्नकाल को बाधित किया जा रहा है। हमने जो कहा उसका अक्षरश: पालन कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो, हम इसी दिशा में आगे बढ रहे हैं।
सदन में हंगामा
तभी सत्ता पक्ष से विश्वास सारंग और भूपेंद्र सिंह खड़े हुए और विपक्ष से बहस करने लगे। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो रहे हैं, लेकिन मप्र में कांग्रेस ने कोर्ट में जाकर ओबीसी आरक्षण को रोकने का काम किया है। विवेक तन्खा वहां पर पैरवी कर रहे हैं। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट और फिर दस मिनट के लिए स्थगित की गई। कार्यवाही पुन: शुरू होने पर विपक्ष ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर सदन की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित कर दी गई।