मनरेगा : फर्जी बिलों से हो रहा भुगतान, सिजहरा के ग्रामीणों ने सरपंच व सचिव पर लगाया आरोप
कटनी, यशभारत। जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। कहीं मशीनों से काम कराने का मामला सामने आता है तो कहीं सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी मस्टर रोल तैयार करने की शिकायतें मिल रही हैं। फर्जी बिलों के माध्यम से ऐसे व्यक्ति भी मटेरियल सामग्री की सप्लाई कर रहे हैं, जिनके पास कोई फर्म ही नहीं है, इनके पास न तो कोई दुकान है और फर्म असली है और किराना और फोटोकॉपी के दुकानदार और मटेरियल की सामग्री की सप्लाई करने के बिल जनपद में प्रस्तुत कर रहे हैं और भुगतान भी हो रहा है। जिसको लेकर जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ के ग्राम पंचायत सिजहरा निवासी रवि शंकर कुम्हार ने कलेक्टर दिलीप यादव एवं जनपद सीईओ विजयराघवगढ़ को शिकायती पत्र सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सिजहरा सरपंच एवं रोजगार सहायक केशव विश्वकर्मा द्वारा जनपद कार्यालय विजयराघवगढ़ में फर्जी बिल प्रस्तुत कर लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट किया है। आज भी सरकारी राशि हड़पने के लिए सरकारी विभागों में इनके अलावा ग्राम पंचायत सरपंच व उनसे जुड़े हुए कर्मचारी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर नियम कानून को ताक में रखकर साथ-साथ सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। ग्राम पंचायत द्वारा फर्जी फर्म के नाम पर ग्राम पंचायत से लाखों रुपए की राशि का भुगतान करा दिया गया है, जबकि उनके नाम न तो कोई दुकान है और न ही कोई फर्म है। पीडि़त रवि शंकर कुम्हार, नरेश कोल समेत अन्य ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को आवेदन देते हुए पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है, इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन में भी सम्बंधित मामले को लेकर न्याय की गुहार लगाई गई है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किये महीनों बीत गए हैं, लेकिन जनपद कार्यालय विजयराघवगढ़ द्वारा कोई जांच नहीं की गई, जिस पर ग्रामीणों में निराशा है। ग्राम पंचायत के शिकायतकर्ता रविशंकर का कहना है कि यदि मामले की जांच नही की जाती है तो धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस संबंध में जनपद सीईओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे इस मामले की जानकारी नहीं है।