जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

मनमाफिक हो रहा चावल का परिवहन  आदेश के विपरीत मनमर्जी से दूसरे जिलों में भेजा जा रहा चावल

जबलपुर यशभारतसरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटे जा रहे चावल के परिवहन में एक बड़ा गोलमाल सामने आया है। जिसमें सरकारी एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा आदेश किसी और गोदाम से परिवहन का किया गया था और परिवहन करता द्वारा अपनी मनमर्जी से कोई और गोदाम खाली की जा रही है।

यह है मामला

 समर्थन मूल्य पर उपार्जित की गई धान जो की गोदामों में रखी हुई है। उसकी कस्टम मिलिंग कर चावल बनाने के बाद अनुबंधित मिलर द्वारा उसे सरकारी गोदाम में जमा किया जाता है। उसके उपरांत उसे आवश्यकता अनुसार दूसरे जिलों में भेज दिया जाता है जिसके लिए रेल व सड़क मार्ग से परिवहन होता है। जानकारी के मुताबिक नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंधित मिलना द्वारा बड़ी मात्रा में धान मंडी और बिछाई की सरकारी गोदामों में जमा की गई है जिसके परिवहन का आदेश विभाग द्वारा नर्मदा इंटरप्राइजेज को दिया गया है जो कि विभाग का अनुबंध ट्रांसपोर्टर है। जिसमें मंडी और रिछई की गोदाम से उठावन के लिए मात्रा सहित स्पष्ट आदेश दिया गया था। लेकिन परिवहन कर्ता द्वारा मंडी की गोदामों को छोड़कर सिर्फ रिछाई की गोदामों से धान उठाई जा रही है जो एक बड़ा गोलमाल हो सकता है।

ऑनलाइन जारी हुए आदेश

 जिन गोदामों से धान का उठाव होना था और जिन जिलों में उसे भेजा जाना था उसके आदेश भोपाल मुख्यालय द्वारा ऑनलाइन जारी किए गए थे । जिसमें गोदाम का नाम और मात्रा स्पष्ट इंगित होती है उसके बाद भी ट्रांसपोर्टर द्वारा अपनी मर्जी से रिछाई से चावल उठाया जा रहा है जिसके पीछे बड़े भ्रष्टाचार की जड़ शामिल है। जिसका खुलासा जल्दी सामने आएगा । जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन आदेश में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो विभागीय स्तर पर ट्रांसपोर्टर के ऊपर कार्यवाही करने को लेकर स्पष्ट नियम है।

किस आधार पर उठा चावल

जो ऑनलाइन आदेश जारी हुए हैं उसमें गोदाम के नाम के साथ-साथ मिलर का नाम और चावल की मात्रा लिखित होती है। जब मंडी से चावल उठा ही नहीं  है और संपूर्ण मात्रा रिछाई से उठाई गई है ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि जिन मिलरों का नाम परिवहन आदेश में नहीं था उनका चावल किस आधार पर दूसरे जिलों में भेज दिया गया। इसका चयन किस अधिकारी द्वारा किया गया और उसका आधार क्या तय किया गया है। क्योंकि उक्त मिलर का परिवहन आदेश जारी ही नहीं हुआ ऐसे में परिवहन किसके कहने पर हुआ यह जांच का महत्वपूर्ण विषय है।

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