भाजपा की अंदरूनी राजनीति, नए अध्यक्षों को नई टीम की दरकार बिना टीम के कार्यकाल पूरा करके चले गए पुराने अध्यक्ष

जबलपुर, यश भारत। भारतीय जनता पार्टी द्वारा नगर व ग्रामीण के जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी है नए नाम सामने आ गए हैं। उनके अपने समीकरण है और उसके साथ ही अब दौर शुरू हो गया है नई कार्यकारिणी में जगह बनाने का। क्योंकि इसके पहले जो नगर के अध्यक्ष थे वह अपना कार्यकाल पुरानी कार्यकारिणी के साथ ही पूरा करके निकल गए, या कह सकते हैं कि वह अपनी घोषित टीम के साथ ही काम कर रहे थे पुरानी कार्यकारिणी सिर्फ खाना पूर्ति के लिए साथ खड़ी हुआ करती थी। अब जबकि नए अध्यक्ष आ गए हैं ऐसे में नई कार्यकारिणी में जगह बनाने भी दौड़ शुरू हो गई है।
ऊपर के नाम में नीचे की पहुंच
यदि हम नगर की बात करें तो यहां से रत्नेश सोनकर को अध्यक्ष बनाया गया है जिसमें कहा जा रहा है कि इसकी नियुक्ति में क्षेत्रीय नेतृत्व से कहीं ज्यादा ऊपर बैठे संगठन कर्ताओं की पसंद थी । अब जब उनकी टीम तैयार होने जा रही है तो फिर उम्मीद की जा रही है कि शहर की राजनीति में महत्वपूर्ण दखल रखने वाले लोगों की पसंद न पसंद भी उतनी महत्वपूर्ण नहीं रह जाएगी । वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण को देखें तो यहां से भी राजकुमार पटेल का नाम संगठन की पसंद बताया जा रहा है। हालांकि इनका किसी विधायक से विरोध तो नहीं था लेकिन याराना भी उतना खास नहीं था । ऐसे में उनकी टीम में भी व्यक्ति विशेष की छाप कम ही देखने को मिलेगी।
समय से पहले शुरू हो गई है दौड़
नए नाम को पद मिलने के बाद उनके आसपास नेताओं का हुजूम दिखने लगा है । जो कभी अकेले घूमा करते थे अब उनके साथ एक भीड़ दिखने लगी है। जिसमें कहीं न कहीं कार्यकारिणी में जगह बनाने की मनसा साफ देखी जा सकती है। हालांकि कार्यकारिणी में अभी लंबा समय है क्योंकि अभी तो संगठन महापर्व के तहत बहुत सी नियुक्तियां होना बाकी है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष के बाद मोर्चो का नंबर आएगा और फिर कहीं जाकर कार्यकरणीय तैयार होगी। लेकिन समय से पहले ही पद की लालसा में एक दौड सी शुरू हो गई है।