भाजपा की अंदरूनी राजनीति, संगठन चुनावों में देरी के चलते अटकी निगम मंडलों की नियुक्तियां

जबलपुर, यश भारत। भारतीय जनता पार्टी में संगठन महापर्व समाप्त हो जाने के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पा रही है । मंडल से लेकर जिला अध्यक्ष तक की घोषणा हो चुकी हैं । प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पर्यवेक्षक नियुक्त हो चुके हैं, वह भोपाल में बैठे ले चुके हैं उसके बाद भी अध्यक्ष को लेकर दिल्ली से हरी झंडी नहीं आ रही है। उम्मीद की जा रही थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कोई जानकारी सामने आ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका जिसके चलते लंबे समय से निगम और मंडलों में कुर्सी की आस लगाए भाजपा नेता सिर्फ इंतजार कर रहे हैं।
पहले लोकसभा फिर संगठन पर्व
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद से ही उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा इस बार कार्यकर्ताओं को उपकृत करने के लिए निगम और मंडलों की घोषणा कर देगी , लेकिन उसके ठीक-वाद लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। इसके बाद कहां जाने लगा कि लोकसभा चुनाव के ठीक बाद घोषणा कर दी जाएगी उसके बाद अन्य राज्यों में विधानसभा के चुनाव आ गए और फिर संगठन में नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया इसमें कहा गया कि जो कार्यकर्ता सदस्यता अभियान में अच्छी मेहनत करेगा उसे उपकृत किया जाएगा लेकिन यह सब हुए लंबा समय हो गया है लेकिन नियुक्तियों का कुछ आता पता नहीं है।
दो कार्यकाल से खाली पड़ी है
कुछ निगम मंडलों को छोड़ दें तो 2019 में भारतीय जनता पार्टी की विधानसभा चुनाव में हुई हार के पास से ही यहां कोई भी नियुक्ति नहीं हुई है। 2019 में भाजपा की हार के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई थी लेकिन एक साल के कार्यकाल में उसने भी किसी को मौका नहीं दिया। हालांकि जब सरकार का जनता हो गया था उस समय कुछ जगहों पर खाना पूर्ति करने के लिए नियुक्तियां की गई थी। उसके बाद भाजपा ने सिंधिया गुट के साथ मिलकर विधानसभा में बहुमत हासिल किया लेकिन संगठन की समस्या बात कर निगम मंडलों में बड़े स्तर पर नियुक्तियां नहीं की, लेकिन 2024 में मिली जीत के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कार्यकर्ताओं को उपकृत किया जाएगा , लेकिन इस बार भी 1 साल से ज्यादा का समय बीत गया है और नियुक्तियां नहीं होते दिख रही है।