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ब्रेकिंग : सागर में कल सुबह 6 बजे से फिर थमेंगे बसों के पहिए : बस आपरेटर यूनियन ने किया हड़ताल का ऐलान 

पुराने और नए बस स्टैंड से बसों के संचालन को लेकर प्रशासन और बस ऑपरेटर के बीच एकबार फिर ठनी रस्साकसी 

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ जिले के विभिन्न अंचलों सहित देश – प्रदेश के दूसरे शहरों के लिए यहां चलने वाली बसों के पहिए कल 5 अगस्त सोमवार को सुबह 6 बजे से फिर थम जाएंगे। यह ऐलान पुराने बस स्टैंड से ही बसों का संचालन किया जाने की मांग को लेकर सागर जिला बस आपरेटर यूनियन द्वारा किया गया है। इधर जिले के अंदर आवागमन करने वाले दैनिक यात्री भी अपनी जेब पर बढ़ते बोझ और दूरी बढ़ने के साथ समय अधिक लगने के चलते परेशान है।

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जिला प्रशासन द्वारा दो माह पहले आदेश जारी कर पुराने बस स्टैंड को स्थाई रूप से बंद करते हुए नए आरटीओ तथा लहदरा नाका पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्थापित दो नए बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू कराया गया था। इस आदेश को अमल में लाने के लिए प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ ढंग से रातों-रात पुराने बस स्टैंड की बैरिकेडिंग कर जेसीबी से बिल्डिंग व प्लेटफार्म की तोड़फोड़ कर दी थी।

प्रशासन द्वारा जबरिया तौर पर बस स्टैंड शिफ्ट किए जाने के बाद न केवल बस आपरेटर यूनियन बल्कि ऑटो यूनियन, व्यापारी संघ, कांग्रेस पार्टी, शिवसेना समेत विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी बस स्टैंड को शिफ्ट किए जाने का विरोध शुरू कर दिया था। जिस पर प्रशासन ने शहर के अंदर से वैकल्पिक मार्ग पर इनका संचालन शुरू करने पर अपनी सहमति देकर असंतोष को खत्म करने का प्रयास किया था। लेकिन कुछ दिन बाद ही प्रशासन ने फिर अपने पुराने आदेश को अमल में लाते हुए वैकल्पिक मार्गो से बसों का संचालन रोक दिया था।

प्रशासन के इस निर्णय के बाद बस आपरेटर यूनियन उच्च न्यायालय की शरण में पहुंच गया था जहां नए बस स्टैंड से बसों के संचालन पर अस्थाई रोक लगा दी गई थी। गत दिनों उच्च न्यायालय की एकल और फिर डबल बेंच ने इस संबंध में अपना फैसला देते हुए प्रशासन द्वारा निर्धारित व्यवस्था में सुधार करते हुए नए बस स्टैंड से ही बसों के संचालन को अपनी सहमति दी है।

इधर बस आपरेटर यूनियन का आरोप है कि प्रशासन और सरकार ने माननीय न्यायालय को गुमराह कर अपने पक्ष में फैसला कराया है। यूनियन का कहना है कि आरटीओ द्वारा उनको दिए जाने वाले परमिट में प्रत्येक स्टॉप और मार्ग का उल्लेख रहता है। इस नई व्यवस्था से बस संचालन के स्थान और मार्ग में परिवर्तन हो गया है जो स्वयं आरटीओ के नियमों के खिलाफ है। इस व्यवस्था में नए मार्ग पर किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर ऑपरेटर को ही दोषी ठहराया जा सकेगा और किसी तरह का बीमा क्लेम करने का अधिकार भी नहीं रहेगा। इसके अलावा नए बस स्टैंड से आसपास के कस्बों की दूरी तथा समय दोगुने से ज्यादा तक बढ़ गया है। जिस कारण लोकल सवारी ने बसों का उपयोग करना बंद कर दिया है और व्यापार में 50 से 75 फ़ीसदी तक की कमी आ गई है। इस कारण संपूर्ण बस ऑपरेटर व्यवसाय भारी घाटे में जा रहा है।

बस आपरेटर यूनियन का आरोप है कि जिला प्रशासन विकास के नाम पर वाहवाही लूटने के लिए इस तरह के तुगलकी प्रयोग कर रहा है जिससे आम जनता को सुविधाएं कम परेशानियां ज्यादा हो रही है। नए बस स्टैंड की शहर से दूरी होने के साथ-साथ वहां पर यात्रियों और ऑपरेटर के लिए किसी भी तरह की सुविधाऐं नहीं की गई है। जबकि न्यायालय में 15 दिन में सुविधाएं जुटाना की बात प्रशासन ने कही थी।

 

यात्रियों को भी हो रही है परेशानी : बढ़ गया है जेब पर बोझ

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पुराने बस स्टैंड को बंद कर नए बस स्टैंड से बसों के संचालन तथा शहर के बाहरी रूट से उनके आवागमन के चलते यात्रियों को बस स्टैंड आने-जाने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी मकरोनिया, सदर, सुभाष नगर तथा शहर के मुख्य बाजार से बस स्टैंड जाने आने वाले यात्रियों को अधिक समय लगने तथा बस भाडे की तुलना में ऑटो टैक्सी का भाड़ा तीन से चार गुना ज्यादा देने में हो रही है।

 

यह परेशानी रात्रि में और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब आने जाने के साधन काम हो जाते हैं और मनमानी रकम मांगी जाने लगती है। इसके अलावा रात के समय अपराधिक घटनाओं का डर भी बना रहता है। इस वजह से रात्रि के समय इन दोनों ही बस स्टैंड का उपयोग करने से यात्री बच रहे हैं और अपनी यात्रा को अगले दिन सुबह तक बढ़ाने के लिए मजबूर हैं।

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