ब्रेकिंग न्यूज़ : भोपाल 2 करोड़ की धोखाधड़ी: अनपढ़ किसान से जमीन हड़पने की साजिश का खुलासा, ट्राइडेंट मल्टीवेंचर्स के मालिक समेत 3 पर FIR

भोपाल यश भारत। भोपाल के रातीबड़ निवासी किसान श्री चिंता सिंह मारण से लगभग 2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर उनकी बहुमूल्य कृषि भूमि हड़पने के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने बड़ा खुलासा किया है। इस संगठित साजिश में फर्जी दस्तावेज, नकली बैंक खाता और धोखाधड़ी से किए गए डिजिटल ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल किया गया।
EOW ने “मेसर्स ट्राइडेंट मल्टीवेंचर्स” के संचालक राजेश शर्मा, उसकी पत्नी राधिका शर्मा, प्रतिनिधि दीपक तुलसानी और सहयोगी राजेश कुमार तिवारी के खिलाफ IPC की कई गंभीर धाराओं के साथ-साथ आईटी एक्ट की धाराएं 66-C और 66-D के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जालसाजी का तरीका:
- शिकायतकर्ता किसान को नामांतरण और रजिस्ट्री के बहाने गुमराह कर फर्जी ICICI बैंक खाता खुलवाया गया।
- इस खाते में किसान की जानकारी के बिना मोबाइल नंबर और ईमेल ID आरोपी राजेश तिवारी का दर्ज कराया गया।
- रजिस्ट्री में ₹2.86 करोड़ भुगतान दिखाया गया, परंतु किसान को केवल ₹81 लाख ही मिले।
- बाकी रकम उसी खाते से राजेश तिवारी के IDFC बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली गई।
- चेक स्टॉप पेमेंट करके रजिस्ट्री में दिखाया गया भुगतान वापस ले लिया गया।
धोखाधड़ी की रकम की ट्रांजेक्शन डिटेल:
- 27 जून 2023: ₹30 लाख जमा, उसी दिन ₹20 लाख ट्रांसफर
- 28 जून 2023: ₹40 लाख जमा, दो दिन में ₹50 लाख ट्रांसफर
- 5 व 7 जुलाई: ₹31.16 लाख और ₹35 लाख ट्रांसफर
- कुल मिलाकर लगभग ₹1.36 करोड़ से अधिक की राशि फर्जी तरीके से ट्रांसफर
FIR में दर्ज धाराएं:
- IPC 420 (धोखाधड़ी)
- 467, 468, 471 (जालसाजी व कूटरचना)
- 120B (आपराधिक षड्यंत्र)
- आईटी एक्ट 66C, 66D (डिजिटल पहचान की धोखाधड़ी)
EOW की कार्रवाई:
EOW ने सभी साक्ष्य और ट्रांजेक्शन का सत्यापन करने के बाद इस मामले को सुनियोजित साजिश और डिजिटल बैंकिंग धोखाधड़ी का गंभीर केस माना है। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने न केवल फर्जी दस्तावेज बनाए बल्कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से खाता भी खुलवाया।
किसान को न्याय की उम्मीद:
श्री चिंता सिंह मारण द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भोपाल में संगठित तरीके से कमजोर, अनपढ़ किसानों को निशाना बनाकर जमीन हथियाने का नया ट्रेंड सामने आ रहा है। EOW द्वारा त्वरित जांच और FIR दर्ज करना इस दिशा में एक अहम कदम है।