जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

बैगा जनजाति विलुप्ति की कगार पर : कुपोषण की स्थिति चरम पर

कुल आबादी के सर्वेक्षण की मांग

मण्डलाl देश की 75 आदिम जनजातियों में शामिल बैगा जनजाति विकास के दौर में पीछे छूट गई है। बैगा विलुप्ति की कगार पर पहुंच रहे हैं। उनके सामाजिक शैक्षणिक विकास में तमाम प्रयास ना काफी या गलत साबित हुए हैं। परिणाम स्वरुप बैगा बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की भयंकर समस्या पैदा हो गई है। मंडला जिला कलेक्टर को उक्ताशय का ज्ञापन देकर सामाजिक कार्यकर्ता विवेक पवार ने मांग की है कि बैगा बस्तियों का चिन्हांकन हो और उनकी आबादी और परिवारों का सर्वेक्षण हो।

 

सभी बैगा बस्तियों में सामुदायिक विकास केंद्र की स्थापना की जावे। बैगा बच्चों की आंगनबाड़ी और शैक्षणिक केंद्रों तक पहुंच सुनिश्चित की जावे। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का सुचारू संचालन और नियमित पोषण आहार का वितरण हो। बैगा बस्तियों का चिन्हांकन हो और उनकी आबादी और परिवारों का सर्वेक्षण हो। सभी बैगा बस्तियों में सामुदायिक विकास केंद्र की स्थापना की जावे। वन अधिकारों की मान्यता कानून के तहत लंबित प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित हो। मंडला स्थित बैगा विकास प्राधिकरण के कामों पर सवाल उठाते समाजिक कार्यकर्ता विवेक पवार ने मांग की है कि प्राधिकरण के विगत 3 वर्षों के कार्यों का सोशल ऑडिट किया जावे।

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