बरगी के कुर्सी गांव में जब लोगों की आंखों में दिखे आंसू-चहेरे पर नजर आई मायूसीः इस गांव के लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं
बरगी विधानसभा के कुर्सी गांव के लोग पीने के पानी का मोहताज

जबलपुर,यशभारत। गांव और पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं का दम भरने वाली सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की यहां पोल खुल रही है। बरगी जनपद के कुर्सी गांव के ग्रामीण गंदा पानी पीने का मजबूर है। आजादी के इतने साल बाद भी गांव में पीने का पानी का नहीं है। अधिकारियों ने कुर्सी गांव का निरीक्षण तो कई बार किया, ग्रामीणों की समस्याओं के ज्ञापन कई बार लिए लेकिन उनकी समस्याएं आज तक दूर नहीं की। ग्रामीणों ने रविवार को गांव पहंुचे क्षेत्रीय विधायक संजय यादव के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। विधायक ने जब पानी की समस्याएं सुनी तो वह भी हैरान हो गए। हैरानी का कारण भी था क्योंकि मप्र सरकार जहां गांवों विकास की बात कर रही है वहीं कुर्सी गांव के ग्रामीण दो बंूद पानी को मोहताज है।

गंदा पानी पीने को मजबूर
ग्रामीणों ने विधायक संजय यादव को बताया कि गांव में एक स्टाफ डेम है उसी का पानी पीने के लिए उपयोग करते हैं। गांव में नल-जल योजना का नामो निशान नहीं है। ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच-सचिव से लेकर जनपद कार्यालय पहंुचकर अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया परंतु सभी ने उनकी समस्याओं के कागज की फाइलों में दबा दिए। ग्रामीणांे का कहना है कि हर बार समस्या लेकर जाने पर आश्वासन मिलता रहा है कि एक माह में समस्या दूर हो जाएगी लेकिन अधिकारियों को ऐसा कहते-कहते वर्षों बिता दिए लेकिन पानी की समस्या आज तक दूर नहीं हुई।
विधायक के गांव पहंुचते चेहरे में आई खुशी
कुर्सी गांव के ग्रामीणों की आंखों में हल्का पानी, चेहरे में मायूसी थी। विधायक उनके गांव पहंुचे तो सभी को एक आस जगी कि अब पानी की विकराल समस्या दूर होगी। ग्रामीणों के मंशाअनुरूप विधायक ने उनकी बात सुनी और कलेक्टर-जिला पंचायत सीईओ तक इस समस्या को पहंुचाने का वादा किया। विधायक ने कहा कि इस मामले लेकर हो सकेगा विधानसभा तक ले जाउंगा।
इतना गंदा पानी पी रहे हैं कि जानवर मंुह फेर लेते
ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि स्टाप डेम का पानी जानवर भी पीते हैं और गांव के लोग भी। ग्रामीणों का कहना है कि स्टेप डेम का पानी इतना गंदा है कि कभी-कभी जानवर भी पानी पीने से मंुह फेर लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्टाफ डेम का पानी गर्मी के समय सूख जाता है तब परेशानियों का पहाड़ टूटता है। क्योंकि कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी लेने सुबह से लेकर देर रात तक ग्रामीण जद्दोजहद करते हैं।