बजट को लेकर सांसद विवेक तंखा ने राज्यसभा में दागे सवाल : कुंभ सहित अन्य तीर्थ स्थलों की व्यवस्था को लेकर सरकार से किया सवाल

नई दिल्ली यश भारत। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा ने आम बजट को लेकर राज्यसभा में जमकर सरकार को घेरा उन्होंने प्रयागराज में आयोजित कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार से सवाल जवाब किया उन्होंने देश के अंदर तीर्थ स्थलों को लेकर भी सरकार से कुछ सवाल पूछे।
राज्य सभा सांसद विवेक तनखा ने कहा कि बहुत ही बढ़िया सर इस वक्त जब बोलने के लिए निमंत्रण मिलता तो ऐसा लगता है यू आर लाइक अ नाइट वॉचमैन जैसे क्रिकेट में होता है लास्ट में एनीवे लेट मी डू द।इस पर स्पीकर ने कहा नहीं आप तो बेस्ट नहीं आप तो अच्छे बोलर हो लेकिन आप बेटर अच्छे हो आप नाइट वचमन कैसे हो जाएंगे। इसके राज्यसभा सांसद ने विवेक तंखा ने कह ये ये स्पीच विवेक तंखा की नहीं है सर यह स्पीच है देश के करोड़ों युवकों की यह स्पीच है देश के सवा करोड़ गरीबों की यह स्पीच है देश के लाखों मरीजों की और यह स्पीच है। हर बजट को बहुत उम्मीद आशा से देखते हैं सर बजट इनकम एक्सपेंडिचर एंड एक्सपेक्टेड एक्सपेंडिचर जो होता है ने कमिंग ईयर का उसका एक लेखा जोखा होता हमको बार-बार यह बताया जा रहा है कि विकसित भारत जो 2047 तक अचीव होगा। यह बजट उस विकसित भारत का बजट है यह बजट तो एक साल का बजट है हमको तो यह भी नहीं पता के 4 साल बाद क्या व्यवस्था होगी । इसी इलेक्शन में अगर 20 सीट कम हो जाती तो दूसरी और व्यवस्था हो सकती थी। तो मेरा यह कहना है कि बजट को एनुअल फीचर मान के उस साल की बारे में हम बात करें हम तो आज बात करना चाहते हैं उस कुंभ के बारे में 12 साल में यह महाकुंभ होता है 12 साल के बजट में आपने क्या प्रावधान किया उस कुंभ के लिए 300 किलोमीटर की कतार है । वहां घुसना मुश्किल है एयरपोर्ट से कुंभ एरिया में पहुंचने में डिफिकल्टी है र इट इंफ्रास्ट्रक्चर आप र की बात कर रहे हैं वेर ट इंफ्रास्ट्रक्चर जो कुछ आपने बनाया कॉस्मेटिक तो मेरा तो यह कहना है कि अगर धार्मिक पर्यटन जिसके लिए दो लाख करोड़ से ज्यादा आमदनी होने वाली है उन लोग की व्यथा तो देखिए क्या हालत है । कोई प्लानिंग नहीं कोई इंफ्रास्ट्रक्चर में 12 साल का समय आपको मिला था तैयारी का हमने इस 12 साल में क्या किया मेरा तो कहना है वाराणसी मथुरा उ नर्मदा जबलपुर केदारनाथ वैष्णो देवी यह सभी प्राचीन और धार्मिक शहर है और ऐसी समस्या सब जगह उठती है । हमारे जो रिपीटेड बजट आए हैं उसमें इनके इन शहरों के बारे में और ऐसे बड़े बड़े आयोजन के बारे में क्या सोचा गया क्या क्या प्रावधान है मुझे तो कुछ दिखता नहीं। मेरे को खुशी हुई कि मखाना बोर्ड भोपाल का एक यूनिक इनिश बिहार का यूनिक इनिशिएटिव है बट यूएसए आज एक मखाना का एक सुपर फ फूड एक जॉइंट मार्केट बन चुका है और जो हमारे फार्मर्स हैं उनको तो एमएसपी तक नहीं मिलती है मखाना की और जो प्रॉफिट्स होते हैं वो सब बाहर जाते हैं तो आपने आपके पास जो व्यवस्थाएं हैं इन व्यवस्थाओं पर तो बजट का एलोकेशन होना चाहिए इसी तरह मैं आपको बताना चाहता हूं एमएसएमई एमएसएमई कंट्रीब्यूट 30 पर टू जीडीपी एंड 45 पर टू एक्सपोर्ट्स आप अब आप देखिए आप कहते हो हमने क्रेडिट गारंटी टू एमएसएमई बहुत इंक्रीज की है हम स्वागत करते हैं मगर 19 828 एमएसएमई शट डाउन हुए हैं इन 232 तो 20000 अगर एमएससी बंद हो रहे हैं लास्ट एक साल में तो ये ये क्या कहानी है हम किस हम किस कहानी की बात कर रहे हैं सो दिस इ दिस इ इ सपोर्ट दिस इज द सपोर्ट रिचिंग द राइट बेनिफिसरी इज द क्वेश्चन इसी तरह फिस्कल टारगेट आपने बात की कि 4.4 ऑफ द जीडीपी होना कर रहे हैं हम डाउन फ्रॉम 4.8 लास्ट ईयर अब डेफिसिट रिडक्शन आप कर तो रहे हो एट द कॉस्ट ऑफ मैसिव कट्स इन व्हाट कैपिटल एक्सपेंडिचर एजुकेशन को आपने 84 करोड़ रप से कम किया सोशल वेलफेयर को रिड्यूस किया 11900 करोड़ से रूरल डेवलपमेंट को रिड्यूस किया 75000 करोड़ से एग्रीकल्चर को रिड्यूस किया बाय 10092 करोड़ से तो इस सबका क्या मतलब है आपने डेफिसिट अगर कम भी किया और यह सब चीज कैपिटल एक्सपेंडिचर को आपने रिड्यूस कर दिया तो आपने अपने मेन सेक्टर को तो अनस छोड़ दिया ना अब आप टैक्सेशन की बात करता हूं आपने एक वर्ल्ड में प्रोग्रेसिव टैक्सेशन पॉलिसी होती है इन इनडायरेक्ट टैक्सेस कंट्रीब्यूट 27 पर ऑफ ग्रस रिट 27 इनडायरेक्ट टक्स कंट्रीब्यूशन ऑफ इनकम टैक्स 22 पर जबक इनकम टैक्स को इनडायरेक्ट टैक्स ज्यादा होना चाहिए अब ऐसे में कौन फॉरेन इन्वेस्टर आपके आने वाला है इंडिया में और आप कहते हो कि हमारे य दुनिया आने वाली है कौन आएगा दुनिया सर दुनिया तब आएगी जब आपकी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रियली सामने दिखे मतलब उस आदमी को लगना चाहिए कि मेरे साथ अन्याय हो मेरे साथ गलत है और मैं कोर्ट गया कचहरी गया ट्राइबल गया अधिकारी के पास गया तो भी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी हेल्थ केयर हेल्थ केयर स्पेंडिंग रिम 2.1 पर ऑफ जीडीपी बली नफ फर बंड हेल्थ लशन अ बड के लिए हो जा तो बड़ी बात है इन यूके यूएसए यूरोप पीपल 40 % टैक्सेस एंड गेट 100% ऑप्टिमम हेल्थ केर इन इंडिया प 50 6 पर टैक्सेस बट गेट नो हेल्थ के लक पूरे आप देखिए मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान हरियाणा चल उत्तराखंड सब लोग दिल्ली एम्स में आना चाहते हैं और दिल्ली एम्स इ सो ओवर क्राउडेड नो प्लेस टू स्टैंड रिलेटिव्स पेशेंट के व रोड प और इनसाइड मेट्रो स्टेशन मिलेंगे आपको सर्जरी की लिस्ट सर्जरी की जो जो डेट्स मिलती है एक एक साल बाद दो दो साल बाद मेरे पास रोज रिक्वेस्ट आती है कि सर हम बचेंगे नहीं तो सर्जरी करा के क्या करेंगे तो आप ये किस विकसित भारत की हम बात कर रहे ये किस हेल्थ मैकेनिज्म की हम बात कर रहे हैं सर सीजीए स्कीम्स हम सीजीए स्कीम हमने लाए आप बताइए कितने प्राइवेट हॉस्पिटल सीजीए स्कीम को एक्सेप्ट करते हैं भगा देते हैं पेशेंट को वो कहते हैं कि सालों तक हमारे बिल्स क्लियर नहीं होते सबको पता है सर यह बात फाइनेंस मिनिस्टर के एलोकेशन फॉर हॉस्पिटल बढ़ाते क्यों नहीं % ऑफ इंडियस लक बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस 20000 से 70 75000 के बीच में जो लोग है सेगमेंट मिड सेगमेंट उनको उनको ये बेनिफिट्स ही नहीं मिलते हैं ।