प्रदेश के 453 कॉलेजो का रिकार्ड पेश करने हाईकोर्ट ने दी 24 घण्टे की मोहलत

नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई तथा नर्सिंग कौंसिल को लगाई फटकार
बुधवार को कोर्ट फिर करेगा सुनवाई लपु
जबलपुर।लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष विशाल बघेल के द्वारा जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय को बताया गया था कि वर्ष 2020-21 में मध्यप्रदेश में खुले नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता देने में भारी भृष्टाचार हुआ है जिसके चलते बिना बिल्डिंग, लैब, लायब्रेरी के चल रहे कॉलेजों को मान्यता दी गयी है, सबूत के रूप में आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे कई नर्सिंग कॉलेजों की फ़ोटो और अन्य दस्तावेज पेश कर कोर्ट को बताया गया है,किस प्रकार कार शोरूम, बैंक आदि की बिल्डिंग दिखा कर मान्यता ले ली गयी है , और मान्यता हेतु जांच के लिए गठित की गई टीमों में भी फर्जी रिपोर्टें देकर मामले में फर्जी कॉलेजों का सहयोग किया है ।
मामले में पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौसिल मध्यप्रदेश को प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता के रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया था किंतु कौंसिल द्वारा उक्त आदेश का पालन न करते हुए कोर्ट को 4 कॉलेजो का रिकार्ड पेश कर जांच हेतु कमेटी गठित करने व कार्यवाही करने हेतु 3 माह का समय मांगा गया।
जिस पर पर कोर्ट ने भारी नाराजगी व्यक्त करते हुए नर्सिंग कौंसिल को 24 घण्टे के अंदर प्रदेश के 453 नर्सिंग कॉलेजों का रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया तथा चेतावनी दी कि अगर इस मोहलत में रिकार्ड पेश नही किया गया तो न्यायालय द्वारा कड़ी कार्यवाही की जावेगी। इसके अतिरिक्त हाईकोर्ट द्वारा यह भी आदेश दिया गया कि कौंसिल तत्काल आज शाम तक समस्त कॉलेजों को नोटिस जारी कर उनके बिल्डिंग लैब आदि से संबंधित जानकारी बुलाकर वो भी रिकार्ड कोर्ट के सामने पेश किया जाये।
इसी के साथ मामले की सुनवाई पुनः बुधवार सुबह नियत की गई है।